महेंद्र पालसराः न्यूज प्लसः सैंज : सैंज जल विद्युत परियोजना में सब कुछ न्योछावर करने वाले प्रभावित परिवारों ने अब सैंज परियोजना प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ग्रामीणों ने परियोजना प्रबंधन को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है सैज परियोजना बीते कई वर्षों से प्रभावित परिवारों को ना तो रोजगार दे रही है और ना ही आरआर प्लान के तहत मिलने वाली सुविधा प्रदान कर रही है जिससे खफा होकर अब प्रभावित परिवारों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से परियोजना प्रबंधन की शिकायत करने का मन बना लिया है । 100 मगावाट क्षमता की सैज जल विद्युत परियोजना भले ही प्रदेश व देश के लिए हितकारी साबित हुई हो लेकिन सैंज जल विद्युत परियोजना से प्रभावित हुए द्याटी के 130 परिवारों को 1000 दिन का रोजगार 6 परिवारों को परियोजना में स्थाई रोजगार का वादा अभी तक परियोजना प्रबंधन द्वारा पूरा नहीं किया है प्रभावित विस्थापित संघ के प्रधान राजकुमार सचिव रमेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रहित में अपनी मातृभूमि कुर्बान करने के बाद भी सैज जल विद्युत परियोजना घाटी के प्रभावित परिवारों के लिए गम लेकर आई है।
वहीं जिला कुल्लू सड़क संघर्ष समिति व सैंज संयुक्त संघर्ष समिति भी प्रभावित विस्थापित परिवार व यूनियन के साथ खड़ी हो गई है जिला कुल्लू सड़क संघर्ष समिति के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ठाकुर सत्य प्रकाश व सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि लोगों के साथ नाइंसाफी हुई है जिसका हम ग्रामीणों के साथ मिलकर उनके हकों की लड़ाई लडगे विस्थापित नेता नारायण सिंह ठाकुर ने कहां कि परियोजना की खातिर अपनी मातृभूमि को कुर्बान करने वाले सैकड़ों परिवारो ने सैंज जल विद्युत परियोजना की खातिर मिट्टी में सोना उगाने वाली उपजाऊ भूमि को राष्ट्रहित में कुर्बान किया है लेकिन बदले में सैज परियोजना ने ग्रामिणों को जख्म के सिवा कुछ नहीं दिया है प्रभावित परिवार आज भी रोजगार मिलने का इंतजार कर रहे हैं विस्थापित परिवार पिछले 10 वर्षों से रोजगार के लिए परियोजना प्रबंधन व प्रशासन के सामने कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि सैंज परियोजना प्रबंधन विस्थापितों को स्थाई रोजगार तो दूर लेकिन अस्थाई रोजगार भी नहीं दे पाया है। सैंज परियोजना विस्थापितों की माने तो ग्रामीणों का आरोप है कि परियोजना प्रबंधन अपने चहेतों को चोर दरवाजे से नौकरियां बांट रहा है और विस्थापितों परिवारों को नो वैकेंसी का बहाना बनाकर खाली हाथ वापस लौटा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सैंज जल विद्युत परियोजना चिन्हित परिवारों को भी रोजगार मुहैया करने में नाकाम साबित हुई है। वहीं प्रभावित परिवारों से संबंध रखने वाले नारायण ठाकुर, यशपाल, चेत राम, अजय कुमार, श्रवण कुमार, इंद्रप्रकाश लीलाधर गुडडू , ज्ञानचंद, चेत राम, वेली राम, उत्तम राम आदि ने परियोजना प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि सैज जल विद्युत परियोजना में उन्होंने अपनी भूमि को खोया है लेकिन बदले में हर बार उन्हें आश्वासन ही मिल रहे हैं लेकिन परियोजना प्रबंधन के अधिकारी उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं।

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