हिमाचल प्रदेश में सेब को नाले में फेंकने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें कुछ युवक सेब के मार्केट रेट गिरने का दावा कर रहे हैं और कह रहे है कि अच्छे रेट नहीं मिलने के कारण सेब का बुरा हाल है। इसलिए सेब को नाले में फेंक रहे है। ‘दैनिक भास्कर’ ने जब इस वीडियो की सच्चाई जाननी चाही तो पता चला कि यह सेब मंडी जिला के करसोग विधानसभा की माहोग पंचायत का है। पंचायत प्रधान बहादुर सिंह ने बताया कि उनके एक गांव में ग्रेडिंग-पैकिंग मशीन है। इस मशीन पर रोजाना काफी मात्रा में सेब ग्रेडिंग-पैकिंग को लाया जाता है। ग्रेडिंग-पैकिंग के वक्त निम्न क्वालिटी का जो सेब बच जाता है, उसमें मच्छर लग गए थे। इसलिए इसे नाले में फेंका गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सड़कें खुली है। उन्होंने माना कि सेब के रेट कम जरूर मिल रहे है। मगर मार्केट इतनी नहीं गिरी कि सेब को नाले में फेंका जाए। नाले में फेंका गया सेब खराब है। वहीं वीडियो में तीन से चार युवा नजर आ रहे हैं, जो कि सेब को नाले में फेंक रहे हैं। कह रहे हैं कि पूरी गाड़ी भरकर आई है। सरकारी खरीद केंद्र होते तो MIS में जा सकता था सेब: प्रधान बहादुर सिंह ने बताया कि यदि मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत अब तक सरकार के खरीद केंद्र खुल गए तो यह सेब MIS योजना के तहत दिया जा सकता था। राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही MIS के तहत सेब की खरीद के लिए रेट मंजूर किए है। ऐसे में बागवान जल्द खरीद केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं। साल 2023 में भी वायरल हुआ था सेब फेंकने का वीडियो शिमला जिला के रोहड़ू क्षेत्र में साल 2023 में भी ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ था। तब दावा किया गया सड़क बंद होने से बागवान का सेब मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा। सरकार ने जब इसकी पड़ताल की तो बताया गया कि खराब सेब को नाले में फेंका गया। इसके बाद सरकार ने उस बागवान का नाले में प्रदूषण फैलाने के लिए चालान काटा था। इस पर खूब सियासी बवाल मचा था।