हिमाचल प्रदेश के दृष्टिहीनों ने प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दृष्टिहीन नौकरी की मांग को लेकर प्रदेश की राजधानी शिमला में 652 दिनों से हड़ताल कर रहे है। लेकिन अब दृष्टिहीनों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है। दृष्टिहीन संघ ने आगामी बजट सत्र में विधानसभा घेराव करने, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने और आत्मदाह की चेतावनी दे डाली है। हिमाचल प्रदेश दृष्टिहीन संघ के सदस्य व प्रदेश के मशहूर लोक गायक पंकज ठाकुर ने बुधवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सुक्खू को सरकार को बड़ी चेतावनी दे डाली है। विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी उन्होंने कहा कि संघ बीते 652 दिनों से हड़ताल कर रही है लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है। पंकज ठाकुर ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों को नही मानती तो वह अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगर सरकार कोई जल्द फैसला नहीं लेती तो आगामी मानसून सत्र में दृष्टिहीन विधानसभा का घेराव करेंगे। विधानसभा के बाहर ही आमरण अनशन भी शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने दिल्ली जाएगा और यदि उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती तो दृष्टिहीन आत्मदाह करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री के साथ बैठक की मांग वहीं संघ के अध्यक्ष शोभू राम ने कहा कि 652 दिनों से हमारी हड़ताल चल रही है और इस दौरान बहुत बार विभाग के अधिकारियों, मुख्य सचिव और मंत्री के साथ भी बैठक हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई सार्थक हल नहीं निकल पाया है। जिसके बाद दृष्टिहीनों ने मंत्री व मुख्य सचिव के सामने मांग रखी थी कि उनकी एक बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ करवाई जाए लेकिन वो बैठक नहीं हो पाई। ऐसे में शायद उन्हें अब लगता है कि मुख्यमंत्री उनके साथ बैठक करना ही नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दृष्टिहीनों की सीधी मांग की बैकलोक कोटा के अनुसार सरकार दृष्टिहीनों को नौकरी दें। यदि सरकार ऐसा नही करती तो दृष्टिहीन बड़े पीछे हटने वाले नही है और आने वाले समय आंदोलन और तेज करेंगे। जानें क्या है मांगे..?
बता दें कि दृष्टिहीन बीते लम्बे समय से बैकलॉक भर्तियों की मांग कर रहे हैं। संघ के सदस्य पंकज ठाकुर ने बताया कि दृष्टिहीन सरकार से कुछ नया नहीं मांग रहे है। विभिन्न विभागों में दृष्टिहीनों व विकलांगों के दिव्यांग कोटे के तहत हजारों पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि दृष्टिहीनों के सीधी सी मांग है कि जो दृष्टिहीन योग्यता पूरी करते ही सरकार उन्हें योग्यता के अनुसार नौकरी दे। मांगों को अनसुना करने का आरोप लेकिन सरकार लंबे समय से उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। ऐसे में अब उन्होंने आंदोलन को तेज करने का निर्णय किया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में सरकार को चेतावनी देते हुए दृष्टिहीन अब बड़ा आंदोलन करेंगे और यदि सरकार मांगे अनसुना करती है तो वो आत्मदाह से भी पीछे नहीं हटेंगे।
