हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से 63 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 47 लोग लापता है। कुल मिलाकर 110 लोग प्राकृतिक आपदा का शिकार हो चुके हैं। प्रशासन के मुताबिक, अब लापता लोगों के जिंदा मिलने की संभावनाएं न के बराबर बची है। प्रदेश में लैंडस्लाइड की 133 बढ़ी घटनाएं, बाढ़ की 95 और बादल फटने की 45 घटनाएं हुई। इससे जान और माल दोनों को नुकसान हुआ है। इस मानसून में भारी बारिश से 1078 मकान पूरी तरह जमींदोज और 4584 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। कुदरती आफत से 3979 करोड़ रुपए की निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इससे 4 नेशनल हाईवे समेत 1087 सड़कें बंद पड़ी है। इसी तरह 2838 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 509 पेयजल योजनाएं भी बंद पड़ी है। आज-कल कमजोर पड़ेगा मानसून मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ेगा। अगले 48 घंटे तक बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। दो दिन बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस जरूर दोबारा एक्टिव होगा। मगर इसका असर 8 व 9 सितंबर को कुछेक भागों में ही देखने को मिलेगा। अगले सप्ताह सामान्य से कम बारिश होगी। शिमला-कुल्लू में नॉर्मल की तुलना में डबल से भी ज्यादा बारिश इस मानसून सीजन में शिमला और कुल्लू में नॉर्मल की तुलना में डबल से भी ज्यादा बारिश हुई है। कुल्लू में सामान्य से 117 प्रतिशत अधिक और शिमला में नॉर्मल से 113 प्रतिशत अधिक बादल बरसे है। इसी तरह सोलन जिला में 78%, बिलासपुर में 77%, चंबा 35%, हमीरपुर 51%, कांगड़ा में 16%, किन्नौर में 41%, मंडी में 70%, सिरमौर 47% और ऊना जिला में सामान्य से 73% अधिक बारिश हो चुकी है। यही भारी बारिश पहाड़ों पर तबाही की वजह बनी है।