हिमाचल प्रदेश में अगले तीन दिन तक मानसून कमजोर रहेगा। अगले 72 घंटे के दौरान किसी भी जिला में बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। इस दौरान राज्य के ज्यादातर भागों में मौसम साफ या फिर आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। इससे राज्य में बीते तीन दिन की भारी बारिश से बंद सड़कों की बहाली संभव हो पाएगी। प्रदेश में 1 NH समेत 344 सड़कें, 169 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 220 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी है। मौसम साफ रहने इनकी बहाली जल्दी संभव हो पाएगी। मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस 27 जुलाई को दोबारा एक्टिव होगा। इसे देखते हुए सिरमौर, मंडी और कांगड़ा में तेज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। मानसून सीजन में 137 की मौत प्रदेश में अब तक इस मानसून सीजन में 137 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 34 लोग लापता है। 27 लोगों की मौत लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड और बाढ़ की चपेट में आने से हुई है, जबकि 60 लोगों की जान एक्सीडेंट में गई है। इस सीजन में 1382 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति भी नष्ट हो चुकी है। 24 बादल फटने की घटनाएं राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार, इस सीजन में बादल फटने की 24 घटनाएं पेश आ चुकी है, जबकि 26 बड़े लैंडस्लाइड और 42 जगह फ्लैश फ्लड आया है। इससे ज्यादा नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिला में है। मंडी जिला में भी सराज विधानसभा सबसे ज्यादा आपदा प्रभावित है। शिमला-मंडी में सामान्य से 81 प्रतिशत ज्यादा वर्षा इस मानसून सीजन (20 जून 23 जुलाई) में सामान्य से 14 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में 285.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 324.2 मिलीमीटर बादल बरस चुके हैं। शिमला और मंडी जिला में सामान्य से 81-81 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। बिलासपुर में 37%, हमीरपुर में 49%, कांगड़ा में 4%, कुल्लू 41%, सिरमौर 36%, सोलन 27% और ऊना जिला में सामान्य से 33% ज्यादा बादल बरसे है। वहीं लाहौल स्पीति में सामान्य से 68% कम, किन्नौर में 12% और चंबा में सामान्य से 33% कम वर्षा हुई है।

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