(अनुरंजनी गौतम. कुल्लू)
अब हर पंचायत या टीकाकरण केंद्रों में टीकाकरण की प्रकिया सुचारू रूप से के दी गई है लेकिन अभी भी इस टीकाकरण अभियान में काफी मुश्किलों का समना करना पड़ रहा है। आज पी एच सी पंचायत थाटीबीड में टीकाकरण के दौरान खराब सर्वर के कारण स्टाफ और पब्लिक को काफी दिकत परेशानी का सामना करना पड़ा। मात्र 13 लोगों को टिका लगने के बाद सर्वर डम्प पड़ गया था। जन सँघर्ष मंच हिमाचल प्रदेश बंजार ब्लॉक के अध्यक्ष प्रेम मेहता ने cmo कुल्लू से बात करके आगामी कार्य की सलाह ली और फिर से टीकाकरण सुचारू रूप से चालू किया गया । और प्रेम मेहता ने खुद एक 75 साल बुजुर्ग महिला को पीठ पर लाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। थाटीबीड़ और गोपालपुर की जनता ने प्रेम मेहता का आभार जताया। यदि टीकाकरण प्रक्रिया इसी तरह चलती रही तो ऐसे में सभी लोगों का टीकाकरण कैसे होगा। इससे तो ये लग रहा है कि सरकार टीकाकरण के नाम पर आम जन से मजाक कर रही है। दूर दूर से लोग टीकाकरण के लिए आ रहे हैं लेकिन टीकाकरण केंद्रों में पहुंचकर पता चलता है कि सर्वर नहीं चल रहा है ऐसे में आमजन का उत्तेजित होना तो सौभाविक ही है। लोग अपने सारे काम छोड़ कर अपना, दिल तोड़ कर, उत्साहित होकर, अपना टीकाकरण करवाने के लिए आते हैं लेकिन उन्हें निराशाओं का ही सामना करना पड़ता है। क्योंकि टीकाकरण केंद्रों में पूरी व्यवस्था ना होने की वजह से उन्हें बिना टीकाकरण के ही अपने घरों की तरफ लौटना पड़ता है। कुछ लोगों का कहना है कि वे टीकाकरण केंद्रों तक लगभग 3 या 4 बार जा चुके हैं लेकिन अभी तक उनका टीकाकरण नहीं हुआ है। यह बात सिर्फ एक पंचायत कि नहीं है अन्य पंचायतों या टीकाकरण केंद्रों का भी यही हाल है। विद्यार्थियों को कहा गया था कि बिना टीकाकरण के कोई भी विद्यार्थी परीक्षा नहीं देगा लेकिन दो-तीन बार टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने के बाद भी जिन विद्यार्थियों को टीकाकरण नहीं लगा दे 3 तारीख को फिर से टीकाकरण के लिए पहुंचे तो उन्हें यह बोल दिया गया कि विद्यार्थियों का टीकाकरण अब बंद हो गया है। उसके बाद उनका टीकाकरण नहीं हुआ है और उसके बावजूद भी वे परीक्षाओं में बैठ रहे हैं। सरकार इस विषय में कठोर कदम नहीं उठा पा रही है कि जो विद्यार्थी बिना टीकाकरण के परीक्षा भवनों में जा रहे हैं महाविद्यालय में वो कितने लोगों से मिलेंगे। हो सकता है कि वह कोरोना से संक्रमित हो जाए। और रोग प्रतिरोधक क्षमता ना होने की वजह से को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार तो विद्यार्थियों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। ऊपर से टीकाकरण की प्रक्रिया इतनी धीमी है कि अभी तक भी परीक्षा देने वाले लगभग 40% विद्यार्थियों का टीकाकरण नहीं हुआ है। आम जन सरकार से इसका जवाब चाहता है।

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