गांधी जयंती के अवसर पर गुरुवार को लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर रोहतांग दर्रे पर एक आक्रोश सभा आयोजित की गई। समुद्र तल से 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस दर्रे पर ‘सेव लाहौल-स्पीति सोसाइटी’ ने यह सभा बुलाई थी। इस दौरान “सोनम वांगचुक रिहा करो” के नारे गूंजे। सभा में कवि अजेय, शिक्षाविद् सुनीता कटोच, पूर्व जिला परिषद सदस्य निर्मला, पूर्व प्रधान अमरचंद और पूर्व प्रधान सिस्सू जगदीश कटोच सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। सेव लाहौल-स्पीति के लगभग 40 सदस्यों ने वांगचुक की रिहाई की मांग उठाई। सोनम वांगचुक को हिरासत में लेना स्वतंत्रता के खिलाफ सेव लाहौल-स्पीति संस्था के अध्यक्ष भूपेंद्र राणा ने कहा कि सोनम वांगचुक को लद्दाख में जलवायु और पर्यावरण संरक्षण की आवाज उठाने के कारण हिरासत में लिया गया है। उन्होंने इस कदम को लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। राणा ने केंद्र और लद्दाख प्रशासन से सोनम वांगचुक को तत्काल रिहा करने की मांग की, ताकि वे पर्यावरण संरक्षण के अपने प्रयासों को जारी रख सकें। बंगाल से रोहतांग पहुंचे पर्यटकों ने भी सोनम वांगचुक के समर्थन में आवाज उठाई और मोदी सरकार से उनकी रिहाई की मांग की। कोकसर पंचायत प्रधान सचिन मिरुपा, प्रेम कटोच, जगदीश कटोच, अजेय, निर्मला और पूर्व टीएससी सदस्य मोहनलाल ने बताया कि पिछले पांच सालों से सोनम वांगचुक शांति से लद्दाख की पर्यावरण सुरक्षा, छठे शेड्यूल की मांग और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।