मंडी से सांसद कंगना रनोट ने शुक्रवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा, हिमाचल में ड्रग्स से हालात गंभीर हो गए हैं। यदि जल्द कड़े कदम नहीं उठाए गए तो हमारे हालात पंजाब के उन गांव जैसी हो जाएंगे, जहां केवल महिलाएं व विधवाएं ही रहती है। कंगना ने कहा, पंजाब के रास्ते से और पंजाब में पाकिस्तान के रास्ते से ड्रग्स हिमाचल में पहुंच रहा है। बच्चों ने अपने मां-बाप के गहने बेच दिए है। नशे के आदी युवा खुद को कमरों में बंद कर देते हैं, चिल्लाते हैं, चोरियां कर रहे हैं, गाड़ियां व फर्नीचर तोड़ रहे हैं, घर पर तोड़ फोड़ कर रहे हैं। इससे मौत से भी बदतर स्थिति हो गई है। कंगना ने कहा, हिमाचल के बच्चे हद से ज्यादा भोले व सीधे होते हैं। इससे वह आसानी से नशे के चंगुल में फंस रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के गनर्वर ने नशे को लेकर जो बात कही वह बिल्कुल सही है। राज्यपाल बोले- हालात नहीं सुधरे तो उड़ता हिमाचल बनने में देरी नहीं लगेगी दरअसल, बीते गुरुवार को हिमाचल के गवर्नर शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर राज्य में बढ़ते नशे पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, हालात ऐसे ही रहे तो उड़ता हिमाचल बनने में देरी नहीं लगेगी। नशा मुक्ति केंद्र खोलने में देरी पर राज्यपाल नाराज शिव प्रताप शुल्क ने कहा, नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए हिमाचल सरकार गंभीर नहीं है। नशामुक्ति केंद्र सिरमौर में बनाने की बात हो रही है। लेकिन वह कम बनेगा। इसका कोई जिक्र हीं है। इसे लेकर बात कागजी कार्रवाई से आगे नहीं बढ़ पाई। उन्होंने सभी विधायकों को पत्र लिखकर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में नशा विरोधी कार्यक्रम आयोजित करने करने का आग्रह किया था,लेकिन प्रयास संभव नहीं हो पाया। अधिकतर विधायकों ने रुचि नहीं दिखाई। राजभवन ने नशे के खिलाफ अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर काम किया राज्यपाल ने कहा, हिमाचल में राजभवन ने नशे के खिलाफ अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर काम किया है। विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों को बुलाकर, खेल कूद प्रतियोगिताओं, विश्वविद्यालय में सभी छात्रों एडमिशन फॉर्म में नशा न करने का कॉलम शुरू होना इत्यादि विभिन्न कार्य किए है और आगे भी करेंगे।

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