हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी, धर्मशाला को लंबे अंतराल के बाद अब नियमित रजिस्ट्रार मिल गया है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र कुमार संख्यान को यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद की 80वीं बैठक में चयनित किया गया। उन्होंने हाल ही में पदभार ग्रहण कर लिया है। डॉ. संख्यान की नियुक्ति लेवल-14 पे मैट्रिक्स पर नियमित आधार पर पांच सालों के लिए या 62 साल की आयु तक, जो पहले हो, की गई है। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने यूनिवर्सिटी की प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं। डॉ. संख्यान ने कहा, “मेरी पहली प्राथमिकता सभी विभागों को एक स्थान पर इकट्ठा करना है। इससे शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों में समन्वय बना रहेगा। उन्होंने बताया कि धर्मशाला परिसर के लिए चिह्नित भूमि को यूनिवर्सिटी के नाम ट्रांसफर करवाया जाएगा। यहां एग्रीकल्चर और मेडिकल स्ट्रीम शुरू की जा सकेगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि देहरा परिसर का निर्माण कार्य 70% पूर्ण हो चुका है। आगामी शैक्षणिक सत्र वहीं से प्रारंभ करने के प्रयास किए जाएंगे। 28 सालों से ज्यादा का अनुभव
डॉ. संख्यान इससे पहले चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि यूनिवर्सिटी, पालमपुर में प्रोफेसर एवं मृदा विज्ञान विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उन्हें 28 सालों से ज्यादा का प्रशासनिक और शैक्षणिक अनुभव है। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। इनमें 23 अनुसंधान परियोजनाएं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) का क्रियान्वयन, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैब की स्थापना और मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का दीर्घकालिक संचालन शामिल है। उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों में 100 से अधिक शोध पत्र, 90 लोकप्रिय लेख, 10 पुस्तकें, 5 मैनुअल और एक मृदा उर्वरता मानचित्र एटलस प्रमुख हैं। डॉ. संख्यान की नियुक्ति को यूनिवर्सिटी समुदाय में नई ऊर्जा और स्थायित्व की उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। लंबे समय से यूनिवर्सिटी को एक पूर्णकालिक रजिस्ट्रार की प्रतीक्षा थी। डॉ. संख्यान की प्रशासनिक दक्षता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नीति क्रियान्वयन का अनुभव सेंट्रल यूनिवर्सिटी को संगठित एवं सशक्त दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

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