प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बिजली महादेव रोप-वे का हिमाचल में विरोध शुरू हो गया है। इसके विरोध में आज (शुक्रवार को) कुल्लू के ढालपुर मैदान में लोग प्रदर्शन करेंगे। सांसद कंगना रनोट और PM मोदी के करीबी राम सिंह समेत कई भाजपा नेता भी इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। कुल्लू के लोगों के आराध्य बिजली महादेव मंदिर को रोप-वे प्रोजेक्ट के कारण इतिहास में पहली बार आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद किया गया है। देव आदेशों से अगले 6 महीने तक देशभर से यहां पहुंचने वाले लोग बिजली महादेव के दर्शन नहीं कर पाएंगे। इससे कुल्लू में रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर सियासी पारा गरमा गया है। बिजली महादेव प्रोजेक्ट का विरोध क्यों? रोपवे के 3 फायदे? PM मोदी कई बार बिजली महादेव गए इस प्रोजेक्ट का जिक्र PM मोदी ने 5 नवंबर 2017 को एक जनसभा में भी किया था। नरेंद्र मोदी जब हिमाचल भाजपा के प्रभारी थे तो उस दौरान वह कई बार बिजली महादेव के दर्शन को यहां पहुंचे। मोदी एक बार बिजली महादेव जाते वक्त भाजपा नेता एवं APMC कुल्लू के पूर्व चेयरमैन राम सिंह के घर पर रुके थे। वहीं राम सिंह अब इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। BJP के पूर्व जिला अध्यक्ष अरविंद चंदेल और पूर्व प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर भी इस प्रोजेक्ट के विरोध में खड़े हो गए है। पूर्व मंत्री एवं सांसद महेश्वर सिंह शुरू से ही इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। मगर, जब इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन किया गया तो उन्होंने इसमें शिरकत की। हालांकि बाद में उन्होंने मीडिया बयान जारी करके इसका खंडन किया। 2.3 किलोमीटर लंबा रोप-वे इस रोप-वे का निर्माण मोहल नेचर पार्क से नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) द्वारा किया जा रहा है। 2.3 किलोमीटर लंबे रोप-वे को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह रोपवे ‘पर्वत माला प्रोजेक्ट’ के तहत मंजूर किया गया था। इसमें एक केबल कार में 10 लोग बैठ सकेंगे। कुल्लू की जनता 3 तरफ बंटी कुल्लू से कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर समेत कई नेता इस प्रोजेक्ट के समर्थन में आगे आए हैं। कुछ लोग देव आदेशों का हवाला देकर किसी भी सूरत में प्रोजेक्ट नहीं लगने देने की चेतावनी दे चुके हैं। कुछ लोग इसे टूरिज्म के लिए अच्छा कदम बता रहे हैं। देव समाज पर आस्था रखने वाले लोगों का कहना है कि इससे बिजली महादेव में गंदगी के साथ साथ पर्यावरण को भी नुकसान होगा। कंगना रनोट भी कह चुकी है कि यदि देव समाज के लोग नहीं चाहते तो यह प्रोजेक्ट बंद होना चाहिए, क्योंकि उनके लिए देवता का आदेश आधुनिकीकरण से ज्यादा जरूरी है। गडकरी ने मार्च 2024 में शिलान्यास किया केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च 2024 में इस प्रोजेक्ट का वर्चुअली शिलान्यास किया और इस प्रोजेक्ट के लिए 272 करोड़ रुपए मंजूर किए।