देहरा में ब्यास नदी उफान पर है। बीते 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते खड्ड और नाले भी पूरे उफान पर हैं, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। देहरा ब्यास पुल से भी नदी का पानी आर-पार बह रहा है, हालांकि राहत की बात यह है कि महालेश्वर प्राचीन मंदिर में अभी पानी नहीं घुसा है, लेकिन लगातार बढ़ता जलस्तर मंदिर के अस्तित्व पर खतरा बना रहा है। इधर, बारिश के कारण डाडासीबा से मचकुंड मंदिर होते हुए नंगल घियोरी जाने वाली सड़क पर भी पानी और मलबा आने से मार्ग बाधित रहा। स्थानीय लोगों और पीडब्ल्यूडी विभाग ने मिलकर रास्ता बहाल करने के प्रयास किए, जबकि जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का कार्य जारी है। लेकिन लगातार बारिश से फिर से पानी आने का खतरा बना हुआ है। देहरा उपमंडल में हालात को देखते हुए डीसी कांगड़ा के आदेश पर सभी स्कूलों में एहतियातन छुट्टी कर दी गई है। एसडीएम देहरा कुलवंत सिंह पोटन ने बताया कि ब्यास नदी और नालों के जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। आपदा प्रबंधन की टीम अलर्ट पर
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें अलर्ट पर हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक रूप से नदी और खड्डों के किनारे न जाएं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। स्थानीय निवासी रमन शर्मा का कहना है कि पिछले कई सालों में ब्यास नदी में ऐसा उफान कम ही देखा गया है। उन्होंने प्रशासन से महालेश्वर मंदिर की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाने की मांग की है ताकि ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके।
