{अनुरंजनी गौत्तम -शिमला } हिमाचल (Himachal Pradesh) में इस वर्ष मानसून सीजन (monsoon season) में भारी बारिश, भू-स्खलन व बाढ़ से आई आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के तहत बेहतरीन नेतृत्व प्रदान के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) के प्रयासों को “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” (World Book of Records) ने भी सराहा है। उन्हें सशक्त राजनीतिक नेतृत्व व लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ कर जनहित और जन कल्याण के लिए ‘सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस’ (Certificate of Excellence) से सम्मानित किया गया है।वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स के अधिकारियों सुमित सिंगला और जसवीर सिंह ने मुख्यमंत्री को यह सम्मान प्रदान किया। इससे पहले वर्ल्ड बैंक ( world bank) और नीति आयोग ने भी आपदा के दौरान बेहतर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की प्रशंसा की है।सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फंसे हुए लोगों की मदद के लिए आपदा के बीच 72 घंटे रहकर राहत एवं बचाव कार्यों का नेतृत्व किया। उनके मार्गदर्शन में 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को प्रदेश से सुरक्षित निकाला गया। इसके साथ-साथ 48 घंटे की छोटी सी अवधि के दौरान बिजली, पानी और संचार सेवाओं जैसी आवश्यक को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया, जिससे स्थिति सामान्य हुई और लोगों को राहत मिली। मुख्यमंत्री स्वयं ग्राउंड जीरो पर रहकर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर अधिकारियों को उचित निर्देश देते रहे।आपदा (Disaster) के बाद भी प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार गंभीरता से ठोस कदम उठा रही है। प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज (relief package) घोषित किया है, जिसमें मुआवजा राशि को कई गुना बढ़ाया गया है। पहले जहां पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान की एवज में 1.30 लाख रुपए मिलते थे, इसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया है।इसके साथ ही उन्हें घर बनाने के लिए 280 रुपए प्रति बोरी की दर से सीमेंट व बिजली-पानी का फ्री कनेक्शन भी उपलब्ध करवाएगी। घर को आंशिक नुकसान होने पर मुआवजा राशि में बढ़ोतरी कर इसे एक लाख रुपए किया गया है। नए प्रावधानों के अनुसार गाय व भैंस जैसे दुधारू की मृत्यु पर प्रति पशु 55 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है। भेड़ और बकरी की मृत्यु पर मिलने वाली वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस सम्मान के लिए “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स” का आभार व्यक्त किया है।

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