{अनुरंजनी गौत्तम – शिमला } रात 11 बजे एसएमसी संघ द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। नारेबाजी के माध्यम से उन्होंने अपना हक सरकार से मांगने का प्रयास किया। सदस्यों द्वारा बताया गया कि हम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से 10 मिनट का समय मांग रहे हैं पर पिछले तीन दिन से उन्होंने हमें एक भी मिनट का समय नहीं दिया। हम तो आपदा राहत कोष के लिए एक राशि का चेक भी सरकार के लिए बना कर लाए थे, उसको लेने का समय भी इस सरकार के पास नहीं है।एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि हम अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले 12 साल का संघर्ष उनके समक्ष रखना चाहते थे। हम कोई तोड़फोड़ करने नहीं आए है, शांतिपूर्वक हक मांगने आए है। हमारी महिला साथी सड़कों पर है, उन्हें राष्ट्र निर्माता के नाम से भी जानते हैं पर आज यही राष्ट्रीय निर्माता सड़कों पर है। यह शर्म की बात है। हमारी मांग है कि एक स्थायी समाधान निकाला जाए। अगर यह नहीं निकलता तो हमारा प्रदर्शन और उग्र होगा, हमें कई आश्वासन दिए गए पर सभी झूठ के पुलिंदे थे। सरकार के पास आपदा का एक बहुत बड़ा बहाना है पर आपदा के लिए 4500 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी गई है और हमारे लिए कुछ भी नहीं। यह हमारे साथ धोखा है। हम 2500 है और सड़कों पर है। हमारी बहनों के छोटे-छोटे बच्चे हैं जो घर पर है। हमने मुख्यमंत्री को ओकओवर में मिलने का विकल्प भी दिया था। उन्होंने वह भी स्वीकार नहीं किया। कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इसे प्रमुखता से रखा था पर वह भी एक बहुत बड़ा झूठ निकला। इंद्रा चौहान एसएमसी सदस्य चौपाल ने कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए। हम पूछते है कि किधर है हमारा राजा, मुख्यमंत्री किधर गायब है। हिमाचल देव भूमि नहीं प्रेत भूमि बन गया है। हम भी इस प्रदेश की बेटी बहू है, आप हमारा चेहरा तक नहीं देखना चाहते। हम सभी को चंडी काली का रूप धारण करने पर मजबूर न करें मुख्यमंत्री जी। आप हमसे शायद नर बलि मांग रहे हो, हम अपनी जान दे देंगे। आप हमें हक दो या जहर दो।

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