{कांगड़ा } कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने बुधवार को शाहपुर में 1 करोड़ 75 लाख की लागत से बनने वाले पशु चिकित्सालय का शिलान्यास कर भूमिपूजन किया। उन्होंने इसके बाद शाहपुर के गोरडा में जाइका द्वितीय चरण के कार्यालय का उद्घाटन कर इसे क्षेत्र की जनता को समर्पित किया। इस दौरान शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक केवल सिंह पठानिया भी उपस्थित रहे। कृषि मंत्री ने उद्घाटन-शिलान्यास के उपरांत गोरडा में जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों को अपने विभाग से संबंधित विषयों की जानकारी दी।शाहपुर में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने पशु पॉलिक्लीनिक का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्रदेश के पहले पॉलिक्लीनिक में से एक है, लेकिन बाद में किसी ने इसके स्तरोन्नयन के लिए किसी ने कोई कदम नहीं उठाया। कृषि मंत्री ने कहा कि स्थानीय विधायक केवल सिंह पठानिया ने क्षेत्र वासियों की इस मांग को सरकार के समक्ष लाया और आज इस स्थान पर पशु चिकित्सालय का शिलान्यास किया गया।तीन मंजिला बनने वाले इस पशु चिकित्सालय में सर्जरी रूम, अल्ट्रासोनोग्राफी रूम, एनेस्थीसिया रूम, माइक्रोबायोलॉजी तथा पैथोलॉजी लैब सहित रोग निदान और निगरानी इकाई भी स्थापित की जाएगी। यहां छोटे और बड़े सभी प्रकार के पशुओं के उपचार के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाया जाएगा। पशुओं के उपचार के अलावा यहां गंभीर बिमारियों से लड़ने के लिए चिकित्सकों द्वारा शोध भी किया जाएगा, जिसके लिए यहां एक बड़ा सभागार और पुस्तकालय का निर्माण भी प्रस्तावित हैशाहपुर में बनने वाला यह आधुनिक पशु चिकित्सालय लगभग आधे हिमाचल को कवर करेगा। इसके अतिरिक्त पड़ोसी राज्य के लोग भी अपने पशुओं के रोग निदान और उपचार के लिए यहां की सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। इस पशु चिकित्सालय के निर्माण के लिए शुरुआत में 1 करोड़ 75 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो सरकार इसके निर्माण के लिए और अधिक राशि उपलब्ध करवाएगी।गोरडा में जाईका कार्यालय का उद्घाटन कृषि मंत्री ने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के गोरडा में जाइका द्वितीय चरण खण्ड परियोजना प्रबंधन इकाई कार्यालय का उदघाटन किया। उन्होंने बताया कि शाहपुर में स्थापित इस खण्ड परियोजना प्रबंधन इकाई के अंतर्गत जिला कांगड़ा के सात विकास खंड सम्मिलित हैं। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण-चरण 2 में इस कार्यालय के अंतर्गत 22 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिससे लगभग 813.92 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि में सिंचाई क्षमता का निर्माण किया जाएगा। प्रो. चन्द्र कुमार ने बताया कि किसानों के खेतों तक सिंचाई योग्य जल उपलब्ध करवाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में इसके लिए एक हजार दस करोड़ के बजट का प्रावधान जाइका में किया गया है। इसके तहत जाइका द्वितीय चरण में जिला कांगड़ा में कुल 83 परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत जिले में 2837.16 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में सिंचाई क्षमता का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कूलहें हमारे कृषक समाज के लिए संजीवनी हैं। इनके संरक्षण, रखरखाव और सफाई के लिए लिए सभी लोग जिम्मेदारी से कार्य करें।खेतीबाड़ी और पशुपालन गौरव का विषय कृषि मंत्री ने कहा कि खेतीबाड़ी और पशुपालन हमारी पहचान और संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। यह गौरव का विषय हैं और इससे हटना अच्छी बता नहीं है। उन्होंने कहा कि गौसेवा, गौपालन और खेतों में काम करने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। उन्होंने कहा कि आज होने वाले अधिकतम रोग खराब जीवनशैली के कारण हैं। खेतीबाड़ी और पशुपालन से हमारी जीवनशैली सधी हुई रहती है और स्वास्थ्य भी बढ़िया रहता है। इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. राजेश सूद, फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के निदेशक डॉ. सुनील चौहान, एसडीएम शाहपुर करतार चंद, उप निदेशक कृषि डॉ. राहुल कटोच, जाइका जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. राजेश कुमार, खंड परियोजना प्रबंधक डॉ. नंदिनी, पशुपालन विभाग से डॉ. सुजय शर्मा, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष सुरजीत राणा सहित बड़ी संख्या में कृषक और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।