(न्यूज़ प्लस शिमला ब्यूरो)- हिमाचल प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत 11वीं से स्नातक स्तर तक संकाय सिस्टम खत्म हो जाएगा। विद्यार्थी अपनी पसंद के विषयों में पढ़ाई कर सकेंगे। विज्ञान, गणित, आइटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे, जबकि संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से पढ़ाया जाएगा। स्नातक में बीए, बीएससी और बीकॉम का प्रारूप खत्म कर दोबारा रूसा की तर्ज पर क्रेडिट स्कोर सिस्टम लागू होगा।हिमाचल में नई शिक्षा नीति को शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने इस संबंध में समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए), उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को पाठ्यक्रम बदलाव से लेकर आरएंडपी नियमों को बदलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। नई नीति के तहत प्रदेश में भी दसवीं और 12वीं कक्षा में दो बार बोर्ड की परीक्षा होगी। जेईई की तर्ज पर विद्यार्थी दूसरी बार अंकों में सुधार कर सकेंगे। इससे विद्यार्थियों में परीक्षा को लेकर तनाव खत्म होगा। अन्य कक्षाओं में तीसरी, पांचवीं और आठवीं के ही पेपर होंगे। यह पेपर स्कूल शिक्षा बोर्ड, एसएसए या फिर शिक्षा विभाग अपने स्तर पर करवा सकता है। कक्षा नौवीं से 12वीं तक एक ही सब्जेक्ट ग्रुप बनेगा, बाकी कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाएगा।

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