(सुभाष गौत्तम – विलासपुर ) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने बिलासपुर की एक फ्लोर मिल द्वारा की गई घटिया आटे की सप्लाई को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग के साथ ही विभागीय मंत्री पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त फ्लोर मिल के आटे की गुणवत्ता पहले भी सवालों के घेरे में रही है। उपभोक्ताओं द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उक्त फर्म को सप्लाई आॅर्डर देने से पहले सैंपल जांचने की जहमत भी नहीं उठाई गई। एक फूड इंस्पेक्टर ने अपने स्तर पर आटे के सैंपल लेकर उसकी जांच करने की हिम्मत जुटाई। हकीकत सामने आने के बाद अब सरकार और विभागीय मंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन उन्हें यह बताना होगा कि किस नेता की सिफारिश पर इस फ्लोर मिल को सप्लाई आॅर्डर दिया गया।राजेश धर्माणी ने कहा कि बिलासपुर की उक्त फ्लोर मिल द्वारा घटिया आटा सप्लाई करने की शिकायतें पहले भी होती रही हैं। लोगों ने विभाग को आटे में रेत या मिट्टी की मिलावट से कई बार अवगत करवाया, लेकिन महकमा आंखें मूंदे बैठा रहा। खाद्य आपूर्ति मंत्री बिलासपुर जिला के ही रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने भी लोगों की सेहत से खिलवाड़ के इस मामले को गंभीरता से लेने की जहमत नहीं उठाई। नियमों के अनुसार सैंपल की जांच रिपोर्ट सही होने पर ही संबंधित फर्म को सप्लाई आॅर्डर दिए जा सकते हैं, लेकिन उक्त आटा मिल के सैंपल लिए बगैर ही उससे सप्लाई ले ली गई। जाहिर है कि सत्ता पक्ष के किसी नेता की सिफारिश पर ही इस फ्लोर मिल पर यह मेहरबानी दिखाई गई होगी। लोगों की लगातार शिकायतों पर एक फूड इंस्पेक्टर ने हिम्मत दिखाते हुए आटे के सैंपल लेकर अपना कर्तव्य निभाया। सैंपल की जांच के बाद ही खुलासा हो पाया कि उक्त फ्लोर मिल द्वारा वास्तव में ही घटिया आटे की सप्लाई दी जा रही थी। फ्लोर मिल पर कार्रवाई का श्रेय लेने के लिए अब सरकार और विभाग के मंत्री अचानक सक्रिय हो गए हैं।धर्माणी ने कहा कि फ्लोर मिल की सच्चाई सामने आने के बाद उसकी सप्लाई बंद करके सरकार और खाद्य आपूर्ति मंत्री अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्हें जवाब देना होगा कि लंबे अरसे से लोगों की शिकायतों को नजरअंदाज करने का क्या कारण था और उक्त फ्लोर मिल को पीडीएस के गेहूं की पिसाई का काम किस आधार पर दिया जाता रहा। मंत्री के जिला में खाद्य आपूर्ति नियंत्रक का पद भी पिछले करीब 10 माह से खाली है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंत्री महोदय लोगों की सेहत को लेकर कितने संजीदा हैं।

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