{दीपिका मल्होत्राः कुल्लूः } अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती डॉ रीता सिंह जी और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ चन्दरशेखर सिंह जी उपस्थित रहे | डॉ आरती सिंह जी ने छात्रों को सम्बोधित कर महिला सशक्तीकरण का ज्ञान देते हुआ कहा के महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा संवेदनशील, करुणामई और नेतृत्व करने कि क्षमता रखती है | महिलाएं ही इस सृष्टि कि जननी है | इस प्रकृति ने महिलाओ को हर तराह से पूर्ण किया है | एक महिला करुणा से भरी देवी पार्वती भी बन सकती है और अपने क्रोध से माँ काली कि तराह पूरी सृष्टि को भस्म करने कि क्षमता भी रखती है | उन्होंने कहा कि एक महिला के सामने जब भी उसके काम और परिवार में से किसी एक का चयन करने को कहा जाता है तो महिला सब कुछ भुलाकर बार बार अपने परिवार को ही चुनती है | पुरुष तो हमें मकान बनाकर देते है उसे घर स्त्री बनती है और उन्होंने कहा के हर एक पुरुष कि सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है | उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी का उदारण देते हुए कहा के उनके सफल जीवन का रहस्य भी उनकी माता का स्नेह और आशीर्वाद ही है | साथ ही साथ उन्होंने भारत के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए ऐसी स्त्रियों जैसे रानी लक्ष्मी बाई, माता सीता, गोपा जी के उधारण दिए जिनसे आज भी महिला सशक्तकारण कि प्रेरणा मिलती है और मिलती रहेगी |अपने निजी जीवन के बारे में बताते हुए भी उन्होंने कहा के उन्होंने समाज के कार्यों के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया है वह अनाथ बच्चों को पालती है, विधवा स्त्रियों के रेहन सहन की व्यवस्था भी करती है | उन्होंने कहा की इस तराह हर एक स्त्री को समाज के लिए कुछ ना कुछ कार्य करने चाहिए |इस मोके पर जिला संयोजक राहुल बिष्ट जी, तहसील संयोजक रुपेन्दर जी,हेमंत जी दिनेश जी सौरव जी नितिन जी, रोबिन जी, तान्या जी, शीतल जी, आशा जी रिया जी श्रद्धा जी लीना जी, रेशमा जी, और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे उपस्थित रहे |

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