{ दीपिका मल्होत्रा- कुल्लू } कुल्लू के ढालपुर, गान्धी नगर के इलाकों में आज कल आवारा पशुओं का चलन बढ़ता ही जा रहा है प्रशासन का इस ओर ध्यान बिल्कुल भी नही है आवारा पशु आपको हमेशा सड़क के किनारे नज़र आएंगे और सडक़ पर कभी भी इनके साथ कुछ भी हादसा हो सकता है साथ ही ठंड़ के मौसम में ये आवारा पशु रात कैसे गुज़रते होंगे ये तो भगवान ही जाने आपको बता दे कि लोग गाय को जब तक पालते है जब तक वो दूध देती है उसके बाद लोग उन्हें सड़क पर आवारा की तरह छोड़ देते है हम सबको ये नही भूलना चाहिए कि गाय हमारी माता है और पूजनीय है इसके साथ ही गोसदन भी चलाये जा रहे है वो भी इसको लेकर सचेत नही है सरकार द्वारा चलाई गई टैग्गिंग योजना भी बेकार साबित होती नजर आ रही है लगभग 5 साल पहले टैग्गिंग योजना की शुरुआत की गई थी किन्तु आज भी बहुत सारे पशुओं को टैग नही लगाए गए कुछ पशु टैग के साथ बाज़ारों में घूमते नज़र आ रहे हैं ऐसे में टैग्गिंग योजना का क्या फायदा होगा ये तो भगवान ही जाने सरकार प्रशासन को इनकी तरफ ध्यान देकर इन्हें एक सुरक्षित स्थान की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि पशुओं में भी जान होती है