(दीपक कुल्लूवीः न्यूज प्लसः भुंतरः) धीरे-धीरे शहर से स्लम बनता जा रहा है व्यास पार्वती का ऐतिहासिक संगम स्थल व कुल्लू का प्रवेश द्वार भून्तर। जिसकी पहचान होती जा रही है गंदगी, नकली बाबाओं और भिखारियों से। धीरे-धीरे इनकी झुग्गियां कुकुरमुत्तों की तरह बेलगाम बढ़ती ही जा रही हैं। जिन पर शायद किसी नेता, मंत्री या प्रशासन की कोई नजर ही नहीं है। स्लम के बच्चे आप को जगह जगह भीख मांगते हुए नजर आ जाएंगे इन्हें जितना भी समझा लीजिए बिल्कुल भी नहीं मानते। जान जोखिम में डालकर गाड़ियों के आगे पीछे भागते हैं। इन को शरण देने वाले एन.जी.ओ कहते हैं कि हमारे स्लम के बच्चे भीख बिल्कुल भी नहीं मांगते हैं और यह जगह भून्तर पुलिस थाने से मात्र 5 मिनट की दूरी पर है। इन्हें बढ़ने से आज नहीं रोका गया तो आने वाला कल भून्तर के लिए एक अभिशाप साबित होगा। स्थानीय बाशिंदों का रहना दूभर हो जाएगा। न्यूज प्लस की विशेष रिपोट।

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