शिमला जिले के ठियोग में नेशनल हाईवे-5 पर चल रहे मेटलिंग कार्य में लापरवाही के मामले में सरकार ने संज्ञान लिया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने संबंधित चीफ इंजीनियर से मेटलिंग में कथित कोताही बरतने के मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है और तकनीकी विभाग को मेटलिंग कार्य की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि उन्होंने केंद्र के समक्ष मजबूती से आवाज उठाकर इस सड़क की मेटलिंग के लिए लगभग 4 करोड़ रुपए मंजूर करवाए थे। मंजूरी के बाद हाल ही में इसके टेंडर आवंटित हुए और मेटलिंग का कार्य शुरू हुआ। गुणवत्ता की जांच के आदेश मंत्री ने कहा कि मेटलिंग कार्य को लेकर उन्हें कुछ शिकायतें मिली हैं, जिस पर विभाग ने तुरंत संज्ञान लिया है। उन्होंने मामले में चीफ इंजीनियर से रिपोर्ट तलब कर ली है। इसके साथ ही, तकनीकी टीम को भी गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त- विक्रमादित्य विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में कोई कमी पाई जाती है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्या है पूरा मामला? बता दें कि हाल ही में नेशनल हाईवे-5 पर मेटलिंग का कार्य शुरू हुआ था, लेकिन दो-तीन दिनों के भीतर ही सड़क की परत उखड़ने लगी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसके बाद लोगों ने कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

Spread the love