हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने मित्र एवं शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान पर मेहरबानी दिखा सकते हैं। दरअसल, शिमला के मेयर का ढाई साल का कार्यकाल 15 नवंबर को पूरा हो रहा है। आरक्षण रोस्टर के मुताबिक, अगले ढाई साल के लिए अनुसूचित जाति की किसी महिला पार्षद को मेयर बनना होता है। सूत्र बताते हैं कि सीएम सुक्खू, सुरेंद्र चौहान को पांच साल तक मेयर कंटिन्यू कर सकते हैं। इसके लिए, परसों (25 अक्टूबर को) होने वाली कैबिनेट मीटिंग में आरक्षण रोस्टर में ढाई-ढाई साल के नियम को बदला जा सकता है। इससे जुड़ा प्रस्ताव कैबिनेट मीटिंग में लाने को शहरी विकास विभाग को कह दिया गया है। इसे मंजूरी मिली तो सुरेंद्र चौहान ही पांच साल तक शिमला के मेयर रहेंगे। पूर्व भाजपा सरकार ने किया था ढाई-ढाई साल का प्रावधान शिमला नगर निगम में ढाई साल तक मेयर का प्रावधान पूर्व की भाजपा सरकार ने किया था। कांग्रेस सरकार इसमें बदलाव कर सकती है।मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल ने 15 मई 2023 को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। अब इनका ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले नए मेयर व डिप्टी मेयर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। हालांकि, डिप्टी मेयर पद पर आरक्षण रोस्टर लागू नहीं होता। सिमी नंदा की भी मजबूत दावेदारी एससी कोटे से सिम्मी नंदा को मेयर पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वह तीन बार पार्षद बन चुकी है। उर्मिला कश्यप और रचना को भी मेयर का दावेदार माना जा रहा है। मगर इनकी ताजपोशी तभी संभव होगी, यदि आरक्षण रोस्टर में ढाई-ढाई साल की शर्त नहीं हटाई गई। डिप्टी मेयर के लिए नरेंद्र ठाकुर का नाम वहीं, डिप्टी मेयर के लिए चम्याणा वार्ड से पार्षद एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के करीबी नरेंद्र ठाकुर (निटू) भी खूब चर्चा में है। मंत्री अनिरुद्ध, नरेंद्र को शिमला का डिप्टी मेयर बनाने की सीएम के सामने मांग रख सकते हैं। नरेंद्र ठाकुर तीन बार पार्षद चुने जा चुके हैं। डिप्टी मेयर के लिए सुषमा कुठियाला को भी दावेदार माना जा रहा है। दोनों दावेदार कांग्रेस पार्षदों के साथ निरंतर बैठकें कर अपनी दावेदारी को मजबूत दिखाने की कोशिश में जुटे हैं। कांग्रेस के पास 25 पार्षद और भाजपा के पास 8 शिमला नगर निगम में मेयर डिप्टी मेयर को मिलाकर कांग्रेस के 25 पार्षद है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के 8 और माकपा समर्थित एक पार्षद है। शिमला नगर निगम में 3 विधानसभा क्षेत्र नगर निगम में शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण और कसुम्पटी विधानसभा के 34 वार्ड है। शिमला शहरी विधानसभा से सबसे ज्यादा 18 पार्षद, शिमला ग्रामीण से 4 और कसुम्पटी से 12 पार्षद है। वर्तमान में मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही शिमला शहरी से हैं। ऐसे में डिप्टी मेयर का पद शिमला ग्रामीण को जा सकता है।