शहबाज़ और मुनीर ने अपने फायदे के लिए पाकिस्तान के आत्म सम्मान को गिरवी रख दिया और ये काम उन्होंने निहायत बेशर्मी से, सरेआम, खुल्लम-खुल्ला किया। अब अगर दुनिया उनका मजाक बना रही है तो इसमें दुनिया का क्या कसूर? 

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