शहबाज़ और मुनीर ने अपने फायदे के लिए पाकिस्तान के आत्म सम्मान को गिरवी रख दिया और ये काम उन्होंने निहायत बेशर्मी से, सरेआम, खुल्लम-खुल्ला किया। अब अगर दुनिया उनका मजाक बना रही है तो इसमें दुनिया का क्या कसूर?
ESTD.2007
शहबाज़ और मुनीर ने अपने फायदे के लिए पाकिस्तान के आत्म सम्मान को गिरवी रख दिया और ये काम उन्होंने निहायत बेशर्मी से, सरेआम, खुल्लम-खुल्ला किया। अब अगर दुनिया उनका मजाक बना रही है तो इसमें दुनिया का क्या कसूर?