वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिलने पर तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने उन्हें बधाई दी है। दलाई लामा ने 11 अक्टूबर को मचाडो को पत्र लिखकर इस सम्मान के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। मचाडो को यह पुरस्कार वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और एक शांतिपूर्ण, समतापूर्ण समाज के निर्माण के उनके प्रयासों के लिए दिया गया है। नोबेल समिति ने उनके संघर्ष को तानाशाही के बीच लोकतंत्र की मशाल जलाने वाली महिला के रूप में सराहा है। दलाई लामा ने मारिया के समर्पण और साहस की सराहना की अपने बधाई पत्र में दलाई लामा ने मारिया कोरिना मचाडो के समर्पण और साहस की सराहना की। उन्होंने लिखा, ‘लोकतांत्रिक विकास के लिए स्वयं को समर्पित करते हुए, आपने दूसरों की सेवा में दृढ़ साहस दिखाया है। उन्होंने आगे कहा, ‘अपने उदाहरण से आपने हमें लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बोलने की आवश्यकता की याद दिलाई है। दलाई लामा ने यह भी कहा, ‘लोगों को एक साझा उद्देश्य के लिए एक साथ लाने के आपके कार्य में, आप इस आशा को मूर्त रूप देती हैं कि शांति और सद्भाव प्राप्त किया जा सकता है।’ पत्र के अंत में, दलाई लामा ने मचाडो को अपनी प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं दीं। अमेरिकी राष्ट्रपति भी इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में थे यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में थे। हालांकि, नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने वेनेजुएला में लोकतंत्र की ‘आयरन लेडी’ के रूप में पहचानी जाने वाली मारिया कोरिना मचाडो को चुना। मचाडो ने दशकों तक वेनेजुएला में तानाशाही शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष किया है। इस दौरान उन्हें यात्रा प्रतिबंध, गिरफ्तारी की धमकी और राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।