हिमाचल प्रदेश में पुलिस विभाग से रिटायर अधिकारी-कर्मचारी 17 अक्टूबर को सभी जिलों में प्रदर्शन करेंगे। पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन की मंडी में शनिवार को संपन्न राज्य स्तरीय मीटिंग में मांगे पूरी नहीं होने पर सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है। पुलिस विभाग से रिटायर पेंशनर ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। एसोसिएशन ने मीटिंग में फैसला लिया कि प्रत्येक जिलों में प्रदर्शन के बाद DC के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। फिर भी उनकी मांगे नहीं मानी गई तो तो शिमला में एक विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। पेंशनर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष चमन भाटिया ने कहा- पुलिस पेंशनर अब बुढ़ापे के दौर से गुजर रहे हैं, जिसमें बीमारियां आम बात हैं। मगर उनके मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिससे पेंशनरों का सब्र टूटता जा रहा है। आपदा में बोर्ड अध्यक्षों की सैलरी 30 हजार से एक लाख रुपए की चमन भाटिया ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा- एक ओर पूरा प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है, वहीं सरकार ने 22 निगमों व बोर्डों के अध्यक्षों का मानदेय 30 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए से अधिक कर दिया। शिमला में मंत्रियों के आवासों पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं और मंत्रियों को महंगी गाड़ियां दी जा रही हैं। 16 संगठन एक जुट होकर प्रदर्शन की तैयारी कर रहे: भाटिया चमन भाटिया ने कहा- सरकार पेंशनरों की करोड़ों रुपए की बकाया देनदारियों पर कुंडली मारकर बैठी है। इस मुद्दे पर प्रदेश के 16 संगठन एकजुट हो गए हैं और आगामी समय में शिमला में एक विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें हजारों पेंशनर भाग लेंगे।

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