हिमाचल के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सेब की पैकिंग के लिए टेलिस्कोपिक कार्टन की पैरवी करने वाले BJP विधायक बलवीर वर्मा (बिट्टू) को खूब खरी-खोटी सुनाई। ‘दैनिक भास्कर एप’ टीम से बातचीत में जगत नेगी ने कहा- बलवीर वर्मा को सेब बागवानों की नहीं, बल्कि कार्टन बनाने वाली कंपनियों, आढ़तियों और सेब व्यापारियों की चिंता है। बागवानी मंत्री ने कहा कि हिमाचल के बागवान अर्से से सेब को किलो के हिसाब से बेचने और यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की मांग उठा रहे थे। इसके लिए, बागवान कई बार सड़कों पर उतरे। प्रदेश सचिवालय का घेराव भी किया। मगर, किसी सरकार ने इसे लागू नहीं किया। मौजूदा सरकार ने इसे लागू किया तो बागवानों को इसका फायदा मिलना शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि बागवान भी यूनिवर्सल कार्टन शुरू करने से खुश है। सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि पूर्व में आढ़तियों को 35 से 38 किलो सेब की पेटी मिल रही थी और रेट 20 से 22 किलो के हिसाब से मिलते थे। यूनिवर्सल कार्टन में ओवर ग्रेडिंग नहीं होती। इससे बागवानों को इसका फायदा मिलना शुरू हुआ है। मगर बीजेपी नेता बलवीर वर्मा बागवानों का फायदा नहीं चाहते। 2 बार उनके पास फैसला रोकने को आए बलवीर वर्मा: मंत्री जगत नेगी ने कहा कि सरकार ने जब वजन के हिसाब से सेब की खरीद शुरू की तो उस दौरान भी बलवीर वर्मा इस फैसले को रोकने के लिए उनके पास आए। जब यूनिवर्सल कार्टन लागू किया गया तब भी वह उनके पास टेलिस्कोपिक कार्टन की पैरवी लेकर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बीजेपी बागवान विरोधी है। ये लोग कभी भी किसान-बागवान हितैषी नहीं हो सकते। ये उसी विचारधारा के लोग हैं, जिनकी वजह से कुंडली बॉर्डर पर 700 किसानों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों की वजह से 80 के दशक में शिमला जिला के​​​​​​ ​कुमारसैन में किसानों पर गोलियां चलाई गई, जिसमे तीन बच्चों की जान चली गई। बेशक, इस मामले में बीजेपी में एक राय नहीं है। बलवीर वर्मा यूनिवर्सल कार्टन का विरोध जरूर कर रहे हैं। मगर पार्टी के ज्यादातर नेता इसे बागवान हित में बता रहे हैं। बलवीर वर्मा पर क्यों भड़के मंत्री जगत नेगी बीते माह भाजपा नेता पराला सब्जी मंडी गए। इस दौरान बलवीर वर्मा ने कहा कि BJP की सरकार बनते ही टेलिस्कोपिक कार्टन शुरू किया जाएगा। उनके इस बयान पर सेब बागवानी संघों के पदाधिकारियों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। ठियोग में माकपा ने भी भाजपा को बरसाती मेंढक बताते हुए इस प्रकार के बयान से बचने की नसीहत दी थी। संदीप वर्मा ने कहा कि किसानों का खून चूसकर करोड़ों की गाड़ियों व बंगलों में रहने वालों को यूनिवर्सल कार्टन का फैसला हजम नहीं होगा। साल 2023 में यूनिवर्सल कार्टन लागू किया गया बता दें कि मौजूदा सरकार ने 2023 के सेब सीजन में यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया है। इससे पहले तक सेब की पैकिंग टेलिस्कोपिक कार्टन में होती थी। इसमें बागवान 30 से 40 किलो तक सेब भर देते थे, जबकि रेट 20 से 22 किलो की पेटी मानकर तय होते थे। बागवानों की मांग पर यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया गया। मगर अब बलवीर वर्मा के बयान के बाद इस पर सियासत गरमा गई है।

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