हिमाचल हाईकोर्ट ने वन मित्र पद पर भर्ती के लिए आयु सीमा के नियम पर एक अहम फैसला सुनाया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने याचिकाकर्ता सुचित्रा को राहत देते हुए कहा, आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पर 25 वर्ष की आयु पूरी करना अयोग्यता नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने वन विभाग द्वारा आयु मानदंड की व्याख्या को त्रुटिपूर्ण और भेदभावपूर्ण बताया और विभाग को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता को वन मित्र पद पर नियुक्ति दें। कोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 के विभाग के उस आदेश को भी रद्द कर दिया जिसमें सरकार ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति देने से इसलिए मना कर दिया था, क्योंकि आवेदन के दिन उसकी आयु 25 वर्ष से अधिक थी। जो नियम न्यूनतम आयु का, वहीं अधिकतम को भी हो: कोर्ट अदालत ने कहा, जब भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष है तो इसका मतलब यह नहीं कि जिस दिन आवेदक 25 वर्ष का हो जाता है, वह तुरंत अयोग्य हो जाता है। यदि न्यूनतम आयु 18 वर्ष के लिए समावेशी नियम लागू होता है तो ऊपरी आयु सीमा पर भी वही तर्क लागू होना चाहिए। भर्ती नियम के अनुसार आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि तक आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष होनी चाहिए थी। याचिकाकर्ता का जन्म 15 जनवरी 1999 को हुआ। याचिकाकर्ता ने 15 जनवरी 2024 को आवेदन जमा किया, जिस दिन उसने 25 वर्ष की आयु पूरी कर दी थी। साल 2023 में हुई थी वन मित्र की भर्ती वन विभाग ने साल 2023 में 2061 वन मित्र पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। याचिकाकर्ता का इस भर्ती प्रक्रिया में चयन हो गया। प्रारंभिक तौर पर उसे चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र पाया गया और एडमिट कार्ड जारी किया गया। इसके बाद 12 फरवरी 2024 को ग्राउंड टेस्ट के लिए बुलाया, जिसमें उसने सफलतापूर्वक शारीरिक दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण की। मगर शारीरिक दक्षता परीक्षा और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उसका चयन नहीं हो पाया, क्योंकि उन्हें आवेदन करने की अंतिम तिथि पर ओवर-एज की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।