हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के कोटली उपमंडल में दुग्ध उत्पादकों को 2 महीने से पेमेंट नहीं मिली। इससे पशुपालकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। पेमेंट नहीं मिलने से परेशान भरगांव के दुग्ध उत्पादकों और सहकारी सभा समिति के सदस्यों ने आज (सोमवार) मंडी में बैठक की। इसमें क्षेत्र के दूध उत्पादकों ने सरकारी उपक्रम मिल्कफेड से जल्द पेमेंट का भुगतान करने का आग्रह किया। पेमेंट नहीं मिलने से किसान अपने पशुओं के लिए पशु चारे का इंतजाम नहीं कर पा रहे। इससे किसानों को घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। कोटली उपमंडल के तहत 10 के करीब सोसाइटी है। इन सोसाइटी को सैकड़ों किसान रोजाना दूध देते हैं। मगर पेमेंट नहीं मिलने से सबकी चिंताएं बढ़ती जा रही है। कांग्रेस सरकार की दूध खरीद योजना सवालों के घेरे में बता दें कि राज्य सरकार मिल्कफेड के माध्यम से किसानों से गाय का दूध 45 से 52 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदती है। दूध की खरीद विभिन्न क्षेत्रों में गठित सोसाइटी के माध्यम से की जाती है। ऐसे में अब पेमेंट नहीं मिलने से सरकार की इस योजना पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बार बार सार्वजनिक मंचों से दूध खरीद योजना को लेकर दावे करते रहे हैं। मंडी की भरगांव दुग्ध उत्पादक सहकारी सभा की संचालक चिंता देवी ने बताया कि मिल्क फेडरेशन से ही पेमेंट नहीं मिल पाई है। जैसे ही पेमेंट का भुगतान होता है, उसके बाद दुग्ध उत्पादकों को पेमेंट का भुगतान कर दिया जाएगा। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी किसान पेमेंट की समस्या से जूझ रहे हैं।

Spread the love