हिमाचल प्रदेश के चंबा में मणिमहेश यात्रा पर निकले 4 श्रद्धालुओं की डेडबॉडी कुगती ट्रेक पर फंसी हुई है। इन्हें निकालने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने डीएसपी खजाना राम की नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की है। इस दल में पुलिस, होमगार्ड, माउंटेनियरिंग दल और स्थानीय लोगों को शामिल किया गया है। स्थानीय प्रशासन 4 दिन से इन शवों को भरमौर तक लाने की कोशिश कर रहा है। मगर निरंतर हो रही बारिश और खराब मौसम इसमें बाधा उत्पन्न कर रहा है। वहीं भरमौर में अभी भी लगभग 700 मणिमहेश श्रद्धालु फंसे हुए हैं। राज्य सरकार ने इन्हें निकालने के लिए एयरफोर्स से पांच से छह हेलिकॉप्टर मांगे हैं। हेलिकॉप्टर मिलने के बाद मणिमहेश में फंसे यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाएगा। राज्य सरकार द्वारा हायर दो चॉपर सुबह 7 बजे ही श्रद्धालुओं की निकासी में जुट गए हैं। भरमौर में फंसे श्रद्धालुओं को चंबा के करियां लाया जा रहा है। यहां से सरकारी बसों के माध्यम से पंजाब-कश्मीर के श्रद्धालुओं को पठानकोट भेजा जा रहा है, जबकि हिमाचल के श्रद्धालुओं को कांगड़ा के नूरपूर में ड्रॉप किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को निकालने में लगे चॉपर की क्षमता 5-5 लोगों की है। इससे सभी 700 श्रद्धालुओं को एयर-लिफ्ट करने में कई दिन लग जाएंगे। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से हेलिकॉप्टर की मांग की है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, अब सभी श्रद्धालु भरमौर तक पहुंचा दिए गए है। भरमौर और मणिमहेश के बीच अब कोई भी श्रद्धालु नहीं है। एयर-लिफ्ट के अलावा दूसरा चारा नहीं बता दें कि 24 से 26 अगस्त के बीच की भारी बारिश से चंबा जिला में जान व माल दोनों को भारी नुकसान हुआ है। भरमौर से चंबा तक कई जगह सड़क का नामो निशान मिट चुका है। ऐसे में श्रद्धालुओं को एयर-लिफ्ट करने के अलावा दूसरा चारा नहीं है। राजस्व मंत्री भी भरमौर में फंसे हिमाचल के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी भी भरमौर में फंसे हुए हैं। वह पांच दिन पहले चंबा से पैदल चलकर भरमौर पहुंचे और लोगों के रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। भरमौर में ज्यादातर श्रद्धालु पंजाब, जम्मू, हरियाणा और हिमाचल के हैं। 20 मणिमहेश श्रद्धालुओं की मौत मणिमहेश यात्रा के दौरान 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। इनमें ज्यादातर की जान ऑक्सीजन की कमी और पत्थर लगने से गई है।