हिमाचल प्रदेश के सभी नगर निकायों में रिजर्वेशन रोस्टर के लिए इलेक्शन कमीशन ने 4 दिन का अतिरिक्त समय दिया है। कमीशन ने सभी DC को 15 जुलाई तक हर हाल में रिजर्वेशन रोस्टर लगाने के आदेश दिए हैं। पूर्व में 11 जुलाई तक रिजर्वेशन रोस्टर तय करने को कहा गया था। सेक्रेटरी अर्बन डवलपमेंट के बीते गुरुवार के पत्र से उपजे विवाद के बाद इलेक्शन कमीशन ने आज (शुक्रवार को) सभी जिलाधीश (DC) को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश म्यूनिसिपल एक्ट 1994 की धारा 281, हिमाचल म्यूनिसिपल इलेक्शन रूल्स 2015 की धारा 9,9(E) और हिमाचल म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन इलेक्शन रूल्स 2012 की धारा 32 में उनका सुपरविजन और कंट्रोल इलेक्शन कमीशन के पास है। इसलिए कमीशन को किसी बड़े एक्शन के लिए मजबूर न किया जाए। इलेक्शन कमीशन के इस पत्र के बाद सभी DC को हर हाल में सभी नगर निकाय में तय समय पर आरक्षण रोस्टर तय करना होगा। बीते कल के सेक्रेटरी अर्बन डवलपमेंट (UD) के पत्र से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि, मानो सरकार अभी नगर निकाय चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है। इसलिए आरक्षण रोस्टर प्रक्रिया को स्थगित करने को कहा गया। इलेक्शन कमीशन के बीते कल के पत्र के अनुसार, यह UD सेक्रेटरी के क्षेत्राधिकार से बाहर है और संवैधानिक प्राधिकरण के प्रोग्राम को स्थगित करने की कोई शक्तियां नहीं है। UD सेक्रेटरी ने दिया था लेटेस्ट जनगणना आंकड़े नहीं होने का तर्क सेक्रेटरी UD ने SC, ST और OBC की जनसंख्या का लेटेस्ट डाटा नहीं होने का तर्क देकर आरक्षण रोस्टर तय करने की प्रक्रिया को स्थगित करने के निर्देश दिए थे। इस पर कल ही इलेक्शन कमीशन सरकार को कड़ी फटकार लगा चुका है। इलेक्शन कमीशन ने आज थोड़ी नर्मी बरतते हुए आरक्षण रोस्टर लगाने के लिए 4 दिन का अतिरिक्त समय जरूर दिया है, लेकिन रोस्टर तय करना ही होगा। साल 2011 के जनगणना आंकड़ों के हिसाब से सभी डीसी को आरक्षण रोस्टर तय करना होगा, क्योंकि 2021 में कोरोना के कारण जनगणना नहीं हो पाई। 73 निकाय में होने हैं चुनाव हिमाचल के 7 नगर निगम, 29 नगर परिषद और 37 नगर पंचायत में इसी साल चुनाव होने है। शहरी निकाय के साथ साथ 3600 से ज्यादा पंचायतों में भी निर्वाचन होना है। इलेक्शन कमीशन चुनाव कराने की तैयारियों में जुट गया है।

Spread the love