हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के 14 होटलों को निजी हाथों में देने के फैसले पर सरकार में आपस मे ही ठन गई है। CM सुक्खू के करीबी और HPTDC के चेयरमैन आर.एस. बाली ने सरकार के इस निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने शुक्रवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान स्पष्ट कहा है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। बाली ने कहा कि इन 14 होटलों में से कई होटल ऐसे हैं, जिन्हें निगम चला सकता है। उन्होंने कहा कि बीते ढाई सालों में उन्होंने कर्मचारियों के सहयोग से हर साल 100 करोड़ से ज्यादा आय कमाकर दी है। सरकार ने HPTDC एक भी रुपए की ग्रांट नही दी है। बावजूद इसके निगम ने खुद कमाकर कर्मचारियों की देनदारियां दी है। ऐसे में प्रदेश को HPTDC को और वित्तीय सहायता देनी चाहिए। ताकि निगम अपने बलबूते इन होटलों को रेनोवेट कर बेहतर राजस्व कमा सके। व्यवसायिक संभावनाओं की समीक्षा की मांग आर.एस. बाली ने कहा कि HPTDC की ओर से इन 14 होटलों को निजी हाथों में देने का कोई प्रस्ताव सरकार को नहीं भेजा गया था। उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट को इन होटलों की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी और यह फैसला केवल कैबिनेट के विवेक के आधार पर लिया गया है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार इन होटलों की व्यवसायिक संभावनाओं (फाइनेंशियल वायबिलिटी) की समीक्षा कराए। होटलों को केवल रेनोवेशन की ज़रूरत उन्होंने कहा कि निगम के पास A, B और C श्रेणी में कुल 56 होटल हैं। इनमें से अधिकतर होटलों को केवल रेनोवेशन की ज़रूरत है। अगर एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से मिलने वाली राशि HPTDC को मिल जाए तो इन होटलों को बेहतर स्थिति में लाकर सालाना राजस्व 200 करोड़ रुपए तक पहुंचाया जा सकता है। बाली ने गिनाई अपनी उपलब्धियां बाली ने कहा कि जबसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है, तब से पहली बार HPTDC ने 100 करोड़ रुपए का राजस्व पार किया है। उनके कार्यकाल में निगम का सालाना राजस्व 78 करोड़ से बढ़कर 109 करोड़ रुपए तक पहुंचा है और न ही कर्मचारियों के वेतन या पेंशन में कोई बाधा आई है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले ढाई वर्षों में निगम ने बिना किसी सरकारी ग्रांट के अपने संसाधनों पर काम किया है और विरासत में मिली 40 करोड़ की देनदारी भी चुका दी है। सरकार के इस निर्णय को लेकर बहस तेज
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और आम जनता के बीच सरकार के इस निर्णय को लेकर बहस तेज हो गई है। आर.एस. बाली ने कहा कि सरकार अगर समीक्षा कराए तो स्पष्ट हो जाएगा कि इन होटलों में संभावनाएं हैं और जरूरत केवल निवेश की है। इनमें से कई होटल HPTDC चला सकता है। उन्होंने आग्रह किया कि HPTDC को समय और संसाधन दिए जाएं ताकि निगम खुद इन होटलों को संचालित कर सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि HPTDC आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के तहत सरकार के फैसले को मानने के लिए बाध्य है, लेकिन सरकार से आग्रह है कि फैसले को लागू करने से पहले एक बार फिर गंभीरता से समीक्षा की जाए। बाली ने कहा कि सरकार HPTDC के साथ सौतेला व्यवहार नहीं कर रही, लेकिन जरूरत है कि सरकार और ज्यादा प्रेम दिखाए और समर्थन दें।

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