(दीपक कुल्लूवीः भुंतरः)बंदरोल जोहल गांव जिला कुल्लू 40 वर्षीय बुधराम अपनी आजीविका कुल्लु टोपी सिलाई का काम करके दो वक्त की रोटी का गुजारा करते हैं परिवार मैं बुधराम की पत्नी और दो बच्चे है आजीविका कमाने के लिए चारों सदस्य मिलकर कुल्लु टोपी की सिलाई का काम अपने घर पर ही करते हैं कुछ दुकानदारों द्वारा टोपियां तैयार करवाई जाती थी और कुछ अपना मटेरियल खरीद कर टोपी तैयार करके विवाह शादियों और बाजार में दुकानदारों को बेचते हे घर में जगह की तंगी के कारण घर से बाहर साथ लगते ही इन्होंने छोटा सा एक शेड तैयार किया और सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा कर्जा उठाकर तीन मशीनें खरीदी और टोपी बनाने के लिए मटीरियल भी खरीदा था लेकिन क्या पता था कि दुखों का कहर टूटने वाला है अचानक शार्ट सर्किट हुआ और आग लगी शेड में रखी 3 मशीनों सहित सारा सामान जलकर राख हो गया एक तो लॉकडाउन के कारण बड़ी मुश्किल से घर की आमदनी का जुगाड़ धीरे धीरे चलने लगा था अचानक आग लग जाने के कारण बुधराम का परिवार दोबारा कर्ज़ में डूब गया स्थानीय निवासी नवनीत शर्मा द्वारा बुधराम के परिवार की जानकारी कार सेवा दल संस्था को दी गई संस्था द्वारा तुरंत ही परिवार का निरीक्षण किया गया जानकारी द्वारा बुधराम ने बताया कि बचपन से ही परिवारिक स्थिति बड़ी कमजोर थी माता पिता का साया भी छोटी उम्र में ही सिर से उठ गया संघर्ष करने के पश्चात अपने रहने के लिए दो कमरों का ठिकाना बनाया और रोजगार के तौर पर कुल्लू टोपी बनाने का काम सिखा बुधराम से सारी बातचीत करने के पश्चात दोनों संस्थाओं द्वारा दुबारा से रोजगार शुरू करने के लिए दो सिलाई मशीनें देने का निर्णय लिया एक सिलाई मशीन स्टैंड, मोटर इत्यादि के साथ प्रयास फाउंडेशन भुंतर द्वारा दी गई बुधराम के परिवार ने सिलाई मशीन प्राप्त करने के पश्चात कार सेवा दल को प्रयास फाउंडेशन भुंतर दोनों संस्थाओं का आभार प्रकट किया |