हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई ‘जॉब ट्रेनी’ पॉलिसी के विरोध में पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ने सोमवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को ज्ञापन सौंपा (लेटर) है। नेगी ने इस नई नीति को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने इसे पिछले दरवाजे से चहेतों को नौकरी देने की साजिश करार दिया है। ज्ञापन में नेगी ने कहा कि यह नई पॉलिसी हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती एवं शर्तें अधिनियम, 2024 में बदलाव करके लाई गई है। इस नीति के तहत, सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में ग्रुप-ए, बी और सी पदों पर चयनित उम्मीदवारों को पहले दो साल ‘जॉब ट्रेनी’ के रूप में काम करना होगा। इस दौरान उन्हें एक निश्चित मासिक राशि मिलेगी।वे नियमित कर्मचारियों की तरह वित्तीय फायदा, पेंशन या अन्य भत्तों के हकदार नहीं होंगे। दो साल का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, उन्हें नियमित कर्मचारी बनने के लिए एक और परीक्षा पास करनी होगी। नीति युवाओं का शोषण करेगी- तेजवंत सिंह
पूर्व विधायक ने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि यह नीति युवाओं का शोषण करेगी। उन्होंने तर्क दिया कि पहले चरण की भर्ती प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है। दो साल बाद उम्मीदवारों का भविष्य पूरी तरह से विभागाध्यक्षों के हाथों में होगा। नेगी ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने और प्रदेश सरकार को इस नीति पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने मांग की है कि सरकार आउटसोर्स, अनुबंध या ‘जॉब ट्रेनी’ जैसी युवा-विरोधी नीतियों के बजाय नियमित नियुक्तियों के लिए एक स्पष्ट नीति बनाए।

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