हिमाचल सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) एवं पूर्व मुख्य सचिव आरडी धीमान को रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का चेयरमैन नियुक्त कर दिया है। रिटायर IAS अमित कश्यप को रेरा में मेंबर लगाया गया है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग देवेश कुमार ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। पूर्व चेयरमैन श्रीकांत बाल्दी के 31 दिसंबर 2024 को रिटायर होने के बाद से यह पद खाली चल रहा था। बाल्दी के रिटायर होने के बाद सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी देवेश कुमार को रेरा चेयरमैन का एडिशनल चार्ज सौंपा था। इसके बाद सरकार ने रेरा चेयरमैन के लिए इच्छुक दावेदारों से आवेदन मांगे। 20 से ज्यादा IAS ने किया आवेदन रेरा चेयरमैन और मेंबर बनने के लिए 20 से ज्यादा IAS ने सरकार के पास आवेदन किया। इसके बाद इनकी छंटनी की गई और सरकार ने आवेदकों के नाम चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजे, क्योंकि रेरा चेयरमैन का नियुक्ति सीधे तौर पर सरकार नहीं कर सकती। मार्च के आखिरी सप्ताह में रेरा चेयरमैन के लिए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी ने दावेदारों के इंटरव्यू लिए और रेरा चेयरमैन के लिए दावेदार के नाम सीलबंद लिफाफे में सरकार को भेजे। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमेटी ने लिए इंटरव्यू रेरा चेयरमैन के लिए मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी दावेदार थे। उन्होंने भी आवेदन कर रखा था, क्योंकि वह भी 31 मार्च को रिटायर होने जा रहे थे। मगर राज्य के आग्रह पर केंद्रीय कार्मिक विभाग ने प्रबोध सक्सेना को छह माह का एक्सटेंशन दिया। सरकार ने ठंडे बस्ते में डाला रेरा चेयरमैन की नियुक्ति का प्रोसेस इसके बाद सुक्खू सरकार ने रेरा चेयरमैन की नियुक्ति के प्रोसेस को ठंडे बस्ते में डाल दिया और 3 महीने तक लटकाकर रखा। माना जा रहा था कि सक्सेना के छह महीने पूरा होने के बाद उन्हें ही इस पर पद ताजपोशी मिलेगी। मगर हिमाचल हाईकोर्ट ने 20 जून को रेरा चेयरमैन की नियुक्ति में देरी पर सख्त टिप्पणी की। राज्य सरकार को 5 लाख रुपए की कॉस्ट भी लगाई। अब जाकर सरकार ने रेरा चेयरमैन की नियुक्ति की है। अगले कल हाईकोर्ट में इसी मामले में सुनवाई होनी है। अब देवेश कुमार अतिरिक्त कार्यभार से भारमुक्त हो गए हैं।