RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अहिंसा हिंदू धर्म का मूल है, लेकिन अत्याचारियों को दंडित करना भी धर्म है। उन्होंने शास्त्रार्थ की परंपरा, जाति-पंथ रहित शास्त्र, और भारत द्वारा विश्व को तीसरा रास्ता देने की आवश्यकता पर बल दिया। 

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