(ललीत कुमार-पधर)हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में किए गए कानूनी संशोधन के विरोध में ट्रक चालकों की हड़ताल का असर पधर उपमंडल में भी देखने को मिला ।सभी ड्राइवरों ने पधर बस स्टैंड के वास इक्कठा होकर नारेवाजी की और कानून को वापिस लेने की मांग की ।ट्रक चालकों की हड़ताल को ट्रक यूनियन के साथ साथ टैक्सी यूनियन का भी पूर्ण सहयोग मिला। जबकि डलाह वार्ड से जिला परिषद सदस्य व सीटू के जिला उपाध्यक्ष रविकांत भी हड़ताल में शामिल हुए।वही प्राइवेट और सरकारी बसों की आवाजाही सामान्य रूप से चलती रही । ट्रक चालकों ने इसे काला कानून बताते हुए पधर बाजार में विरोध रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन भी किया। इस दौरान नारेबाजी करते हुए ट्रक चालकों ने काले कानून को वापस लेने की मांग की है ।भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामले के नए प्रावधानों के मुताबिक,अगर कोई आरोपी ड्राइवर सड़क हादसे के बाद अधिकारियों को बिना सूचना दिए बिना दुर्घटना स्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल की सजाकाटनी पड़ेगी. साथ ही साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है। नए कानून को दो श्रेणियों में रखा गया है। पहला, ‘लापरवाही से मौत का कारण’, अगर कोई आरोपी ड्राइवर मौत का कारण बनता है तो वह गैर इरादतन हत्या नहीं है। उसे अधिकतम पांच साल की जेल की सजा के साथ-साथ भारी भरकम्प जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। दूसरा, कोई ड्राइवर लापरवाही या असावधानी से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और भाग जाता है. साथ ही घटना के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे जुर्माना के साथ-साथ दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा। मौजूदा समय में पहचान के बाद हिट-एंड-रन मामलों के आरोपियों पर धारा 304 ए के तहत मुकदमा चलाया जाता है, जिसमें अधिकतम दो साल की जेल की सजा होती है।

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