{महिमा गौत्तम – कुल्लू } जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,जिला कुल्लू द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कुल्लू में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य पर एक मुफत कानूनी जागरूकता शिविर लगाया गया।इस उपलक्ष्य पर श्री धर्मेन्द्र शर्मा, अधिवक्ता, जिला न्यायालय कुल्लू, ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस जो हर साल 9 नवम्बर को मनाया जाता है उसकी जानकारी दी, उन्होंने बताया कि भारत के संविधान अनुच्छेद 39ए और उसकी समिति द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा कानून सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 को अधिनियमित किया गया था, इस अधिनियम को 1994 में संशोधन अधिनियम के बाद 09 नवम्बर 1995 में लागू किया गया, इसके बाद से मुख्य अधिनियम के लिए कई संशोधन पेश किए, इस अवसर को मनाने के लिए पहली बार 1995 में राष्ट्रीय कानूनी विधिक सेवा दिवस मनाया गया था, तब से ही 9 नवम्बर को प्रतिवर्ष विधिक सेवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि कानूनी सेवा दिवस मनाने का उद्ेश्य देश भर में कमजोर वर्गों के लोगों को बिना किसी शुल्क के कानूनी सेवाएं प्रदान करना है, जिनमें महिलायें, विकलांग व्यक्ति, अनुसूचित जनजाति, बच्चे, अनुसूचितजाति, मानव तस्करी पीड़ित और साथ ही प्राकृतिक आपदा पीड़ित शामिल हो सकते हैं। सभी नागरिकों के लिये उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतू जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार की मुफत कानूनी विधिक सेवाएं हैं, व कौन, मुफत विधिक सेवाएं पाने के हकदार हैं, साथ ही में उन्होंने बच्चों को संविधान के महत्व मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों व सूचना के अधिकार की जानकारी दी। इसके साथ ही साथ इस दिवस के उपलक्ष्य पर अध्यक्ष, उप-मंडलीय विधिक सेवा समिति, लाहौल स्थित कुल्लू, उप-मंडलीय विधिक सेवा समिति, मनाली, उप-मंडलीय विधिक सेवा समिति, बंजार की समितियों ने भी जागरूकता शिविर लगाये।

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