(अनुरंजनी गौत्तन-शिमला) हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार अब तानाशाही पर उत्तर आई है और कर्मचारियों के हितों को भी अनदेखा किया जा रहा है। ऐसे में सरकार के द्वारा जो कर्मचारी विरोधी निर्णय लिए जा रहे हैं वह लोकतंत्र के लिए बिल्कुल सही नहीं है। कांग्रेस सरकार पर निशाना चाहते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस सरकार के द्वारा जिला परिषद कैडर के तहत काम कर रहे 167 जेई को बर्खास्त किया गया है वह सरासर गलत है। वहीं सरकार ने किस आधार पर इन्हें बर्खास्त किया है उसके बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि पहले तो कांग्रेस सरकार इन्हें अपना स्थाई कर्मचारी नहीं मानती हैअगर यह स्थाई कर्मचारी नहीं है तो किस आधार पर कांग्रेस सरकार के द्वारा उनकी सेवाओं को बर्खास्त किया गया है। कांग्रेस सरकार के द्वारा कई जिला में आउटसोर्स के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के लिए कहा था कि वह एक लाख युवाओं को नौकरियां देंगे। लेकिन नौकरी देना तो दूर की बात जो किसी ने किसी माध्यम से अपना रोजगार कमा रहे हैं। उन्हें भी सरकार के द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कर्मचारी विरोधी निर्णय को लेकर अब कांग्रेस सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह कर्मचारी के विरोध में फैसला लेने वाली है और कर्मचारी भी कांग्रेस सरकार में अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार के द्वारा इस तरह के गलत फैसलों को तुरंत बदला नहीं गया। तो आने वाले समय में भाजपा के द्वारा प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा ।