{अनुरंजनी गौत्तम – शिमला } आईजीएमसी के सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने व कोविड कर्मियों के मुद्दे पर सीटू से संबंधित आईजीएमसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने आईजीएमसी के बाहर धरना प्रदर्शन किया। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर नौकरी से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों व कोविड कर्मियों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन तेज होगा। इसका जिम्मेदार आईजीएमसी प्रशासन होगा।सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि आईजीएमसी में राजनीति के चलते पिछले कई वर्षों से काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों को निकाला गया है। जिस कंपनी को नए टेंडर दिए गए हैं, नियमों को दरकिनार कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन निर्णायक मोड़ लेगा। निकाले गए कर्मियों को शीघ्र वापस नहीं लिया जायेगा तो गिरफ्तारियां दी जाएगी। आईजीएमसी प्रबंधन की मिलीभगत से यह टेंडर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और गवर्नर से इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर सलाखों के पीछे डालने की मांग की है।वहीं आईजीएमसी सुरक्षा कर्मी यूनियन के पूर्व प्रधान रहे बबलू ने कहा कि वह राजनीति का शिकार हुए हैं। कहा जा रहा है कि वे पूर्व एमएस जनक राज के आदमी है। उन्हें नौकरी से निकाले जाने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं को छोटे बच्चों के साथ मजबूरन यहां धरने पर बैठना पड़ रहा है, लेकिन आईजीएमसी प्रशासन सुध नहीं ले रहा है।


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