{ललित कुमार -पधर} डलाह वार्ड से जिला परिषद सदस्य रविकांत ने सिविल अस्पताल पधर के नए भवन की तकनीकी जांच की मांग स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से की है । उन्होंने कहा कि 2014 के अंदर इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ और 11 अक्टूबर 2017 को इसके पहले फ्लोर का उद्घाटन पूर्व मंत्री और द्रंग के विधायक ने किया वही 12 सितंबर 2022 को भवन का निर्माण कार्य संपन्न हुआ जिसमें 8 करोड़ 17 लाख की राशि खर्च की गई । इसके अलावा अतिरिक्त खर्चा भी हुआ इतने बड़े भवन में रैंप की कोई भी सुविधा नहीं है अगर मरीज को तीसरी मंजिल में ऑपरेशन थिएटर ले जाना पड़े तो उठा कर ले जाना पड़ेगा । 50 बिस्तर वाले इस अस्पताल में मात्र ही 33 बेड लगे हुए हैं अस्पताल में पांच जो स्पेशल कमरे हैं उसमें एक नर्सिज रूम और दूसरा चेंजिंग रूम और एक कमरे में स्टोर और एक कमरे में लेबर रूम चला हुआ है । भवन के अंदर पानी की निकासी का कोई भी प्रावधान नहीं है और ना ही भवन के अंदर एक्स-रे कमरे का कोई प्रावधान है । मात्र एक कमरे में एडजस्टमेंट की है । उन्होंने कहा कि अस्पताल के भवन के अंदर जितनी भी टाइलिंग हुई है उसमें गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है जो की देखने योग्य है । इतने बड़े अस्पताल के अंदर मीटिंग हॉल का कोई भी प्रावधान नहीं है ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग के साथ ही सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है । उन्होंने कहा कि अस्पताल के कमरे की जो खिड़कियों में जाली लगी है उसमें मच्छर तो क्या सांप भी अंदर घुस सकता है और खिड़कियों को खोलने के लिए जाली को काटा गया है जिसमें से हाथ डालकर खिड़की को खोला जाता है और कभी भी हाथों को चीरा लग सकता है । उन्होंने कहा कि जितने भी एग्जस्ट फैन लगे हैं उनको बाहर से शीशे से बंद कर दिया गया है इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है और पैरामेडिकल स्टाफ भी पूरा नहीं है । अल्ट्रासाउंड की मशीन कई सालों से रेडियोलॉजिस्ट ना होने की वजह से धूल फांक रही है । उन्होंने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि सिविल अस्पताल पधर में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की और पैरामेडिकल स्टाफ की शीघ्र भर्ती की जाए अन्यथा जनता को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा । उन्होंने कहा कि जिस भी एजेंसी से इस भवन का कार्य करवाया गया है इसकी पूरी जांच होनी चाहिए ताकि जनता की खून पशीने की कमाई सही तरह से सही जगह लगे ।