(रोशन शर्मा कुल्लू)-पिछले कई वर्षों से फोरलेन की मार झेल रहे नगवाईं तथा टकोली के व्यापारिओं पर कोरोना आफत बन कर टूट पड़ा है। 2 माह के लम्बे लॉकडाउन की वजह से जहाँ दुकानें पूरी तरह से बंद रही, वहीं अब फर्मेन्टा बायोटेक लैब में अचानक दर्जनो कोरोना के मामले आने से बाजार एक फिर से सूना हो गया है। आपको बता दें कि टकोली तथा नगवाईं के दुकानदार पिछले कई वर्षों से फोरलेन निर्माण के चलते प्रभावित तथा विस्थापित हो गए हैं। अपनी मांगो के लेकर दुकानदारों ने गली से लेके चौराहे तक धरने दिए। प्रशासन से लेकर सरकार तक अपनी मांगो को लेके झोली फैलाई, किन्तु किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी।स्थानीय नेता खुशाल ठाकुर से दुकानदारों को काफी उम्मीदे थी। किंतु ठाकुर के सरकार के चौखट पर नतमस्तक होने से दुकानदार अपने आपको ठगा सा महसूस कर गए। धीरे-धीरे कोरोना की मार झेलते हुए दुकानदार अपनी बदहाल होते व्यवसाय को बचाने में जुटे थे,कि अचानक फर्मेन्टा बायोटेक ने सभी दुकानदारों को एक बार फिर से चारों खाने चित कर दिया। कोविड 19 के नियमो पर सवाल उठाते हुए व्यापारियों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि-जहाँ पूरा नगवाईं और टकोली के बाज़ार पूरी तरह से बंद होने चाहिये थे,पर यहाँ फोरलेन का काम एक दिन के लिए भी बंद नहीं हुआ। वहीं सब्ज़ी मंडी खुली रहने की वजह से बाज़ारों की भीड़ वैसी की वैसी है, जबकि पुरे क्षेत्र में धारा 144 लागु है। और इसका सीधा असर छोटे दुकानदारों पर पड़ रहा है, दुकानदारों को दुकानों का किराया देने में दिक्कत आ रही है,वहीं दूसरी ओर कई दुकानों में पड़ा-पड़ा माल भी ख़राब हो रहा है। स्थानीय दुकानदार ईश्वर दास, बंसीलाल, गंगासिंह, दीपकुमार,राजकुमार आदि ने सरकार को आगाह करते हुए कहा है-यदि समय रहते सरकार ने दुकानों को खोलने के आदेश नहीं दिए तो दुकानदार आंदोलन करने पर विवश हो जायेंगे।