{अनुरंजनी गौत्तम – शिमला } हिमाचल विधानसभा के शिमला में चल रहे मानसून सत्र के छठे दिन प्रश्नकाल में अमृत महोत्सव के आयोजन का मुद्दा गूंजा। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच नोक-झोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षो में भाजपा शासन के दौरान अमृत महोत्सव के आयोजन में छह करोड़ 93 लाख रूपये खर्च किए गए। यह कार्यक्रम अमृत महोत्सव देश की आजादी के 75 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में केंद्र की योजना के तहत मनाया गया। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव केंद्र सरकार का एक कार्यक्रम है, लेकिन इसके लिए प्रदेश से बजट खर्चा गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उन लोगों के लिए समर्पित होने चाहिए, जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करवाया। लेकिन प्रदेश में हुए इन कार्यक्रमों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को नहीं बुलाया गया। पूर्व सरकार इस तरह के आयोजन में स्वतंत्रता सैनानियों को बुलाकर उनका सम्मान करती तो इस समारोह की महत्वता और ज्यादा होती। इसे राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बनाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भविष्य में इस तरह के आयोजन को बंद नहीं करेगी, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे कार्यक्रमों में स्वतंत्रता सैनानियों को बुलाया जाए।

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