हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन आरएस बाली ने मंगलवार को शिमला में HPTDC (हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि निगम ने बीते दो सालों में रिकॉर्ड कमाई की है। बाली ने आगे बताया कि HPTDC के गठन के बाद से आज तक पहली बार एक वित्तीय वर्ष में पर्यटन निगम ने 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है। उन्होंने कहा HPTDC ने 2022-23 में 109 करोड़, 2023-24 में 105 करोड़ और 2024-25 में भी बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले में अक्टूबर माह तक ही 2 ढाई करोड़ ज्यादा कमाई कर ली है। बाली ने कहा कि यह HPTDC के 1753 कर्मचारियों की मेहनत रंग ला रही है। 3 होटल की रेनोवेशन पर खर्च होंगे 16 करोड़
बाली ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आज उन्होंने सभी होटलों के अधिकारियों के साथ बैठक करके निर्णय किया है कि प्रदेश के तीन होटलों को निगम रेनोवेट करेगा। इसलिए रेनोवेशन के लिए अनुमानित 16 करोड़ का खर्चा आ सकता है। पीटर हॉफ , HHH और हमीरपुर का होटल हमीर का रेनोवेशन प्रथम चरण में किया जाएगा। इसको सीएम सुक्खु के साथ चर्चा हो गयी है। उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। उन्होंने कहा कि HPTDC ने अपनी कमाई से करीब 36 करोड़ रु HPTDC के कर्मचारियों को दे दिए है इसके अलावा निगम ने बाकी की राशि भी हाईकोर्ट के आदेशों के बाद तय समय सीमा देने की बात कही है। बाली बोले केंद्र से टूरिज्म को मिला सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
वहीं निगम चेयरमैन बाली हाल ही में केंद्र ने स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए जारी 3296 करोड़ रुपए में हिमाचल प्रदेश का जिक्र न होने के सवाल पर कहा कि केंद्र से टूरिज्म के क्षेत्र में हमें हाल ही में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट दिया है। एडीबी के प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश के होटल रेनोवेट होंगे। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली से काजा व छितकुल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में पर्यटन के विकास के लिए 35 करोड़ लाए है। इसलिए शायद हमारा नाम इस प्रोजेक्ट में नही आया लेकिन वह इस प्रोजेक्ट मे भी फंड लाने के लिए प्रयास करेंगे। सीएम सुक्खू ने लगाए थे सौतेला व्यवहार करने के आरोप
सीएम सुक्खू ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि केंद्र सरकार की भेदभावपूर्ण राजनीति ने हिमाचल की जनता को एक बार फिर शिकार बनाया है। ‘स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम’ के तहत 3296 करोड़ रुपए की राशि 23 राज्यों को दी गई, लेकिन हिमाचल को इस महत्वपूर्ण सहायता से वंचित रखा गया है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के विकास की यात्रा को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रही है। कथनी और करनी में गहरा अंतर है। केंद्र सरकार का यह भेदभावपूर्ण रवैया अब पूरी तरह से उजागर हो चुका है। यहां के भाजपा सांसद लिस्ट जारी करके खुशी मना रहे हैं, जैसे उन्होंने कोई बड़ी जंग जीत ली हो। मुझे आश्चर्य होता है कि क्या वे सच में हिमाचल की जनता के प्रतिनिधि हैं भी या नहीं। जब आपदा का संकट हमारे दरवाजे पर था, तब भी केंद्र सरकार चुप्पी साधे थी। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, हमने कड़ी मेहनत और समर्पण से पर्यटन क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। संघीय ढांचे में हिमाचल के साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार गलत है, जिसके लिए सम्मानित जनता कभी माफ नहीं करेगी। सुधीर पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक तथ्यों से परे की बातें कर रहे है। वो कह रहे है किन निगम को 150 करोड़ रू बिजली के बिल के रूप में चुकाने है। बाली ने सुधीर को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके दावे में थोड़ी भी सच्चाई है तो वह इस बात को लिखकर एफिडेविड के रूप में दें। वहीं उन्होंने कहा कि मानहानि का दावा करने पर कहा कि इस पर कानूनी राय लेने के बाद ही कोई फैसला करेंगे।

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