{महिमा गौत्तम – कुल्लू } कुल्लू जिले में प्राकृतिक खेती ,खुशहाल किसान योजना के तहत खर्च किये जायेगे 47.41 लाख रुपये। कृषि विभाग आत्मा परियोजना के तहत प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के अंतर्गत कुल्लू जिले में विभिन्न विकास खंडों में 60 स्थानों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगा। जिसमें कुल्लू जिले के 1800 किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां आत्मा परियोजना के निदेशक डॉ बलबीर सिंह ठाकुर ने दी।उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले मे के विभिन्न हिस्सों में 10 जागरूकता शिविर आयोजित कर 1000 किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया। उन्होंने कहा कि जिले कि सभी 235 ग्राम पंचायतों में प्राकृतिक खेती मॉडल स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा गया है।डॉ बलवीर ने कहा कि कुल्लू जिले में वर्तमान में लगभग 11842 किसानो द्वारा लगभग 1244 हेक्टेयर क्षेत्र मे प्राकृतिक खेती की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष में खरीप फ़सल के दौरान 3500 एकड़ क्षेत्र व रवि फसल के दौरान 3000 एकड़ जमीन को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का भी लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इसी वित्त वर्ष के दौरान 20 किसानों को अनुदान दरों पर स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने,1800 ड्रम अनुदान दरों पर प्रदान करने के लिए 4 लाख रुपये, 50 किसानों को गौशाला के फर्श को पक्का करने,व संसाधन भंडार पर अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है।उन्होंने कहा कि जो किसान पहले ही प्राकृतिक खेती कर रहे हैं उन्हें प्रमाणीकरण प्रक्रिया के तहत लाया जा रहा है जिसमे लगभग 6400 किसानों को लाने का लक्ष्य है । जिन्हें इस वर्ष दिसम्बर माह तक प्रमाणीकरण के प्रणाम पत्र प्रदान कर दिये जायेंगे।उन्होंने कहा कि आत्मा परियोजना के तहत 3 खाद्य सुरक्षा समूह बनाए जाएंगे इसके अलावा 3 किसान गोष्ठी भी आयोजित की जाएगी जिस पर 45 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत सभी विकास खण्डों में फार्म पाठशाला शुरू की जाएगी जिसके लिए एक लाख 74 हजार के बजट का प्रावधान किया गया है ।उन्होंने आत्मा परियोजना से जुड़े अधिकारियो व कर्मचारियों की बैठक की अध्यक्षता करते सभी से लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्य करने को कहा।उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों को किसानों से सीधा संवाद स्थापित करने भी निर्देश दिए। ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके।उन्होंने खण्ड तकनीकी प्रबन्धको व सहायक तकनीकी प्रबन्धको को हर सप्ताह मंगलवार से शुक्रवार तक पंचायतों का भ्रमण कर किसानों से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने चेतावनी देते कहा कि जो अधिकारी व कर्मचारी इन आदेशों की अवहेलना करेगा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।