{महिमा गौत्तम – कुल्लू } प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों को मिलने वाले नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) को बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के विरोध में जिला कुल्लू में चिकित्सकों ने विरोध किया है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में सोमवार को चिकित्सकों ने सुबह एक घंटे तक ओपीडी में सेवाएं नहीं दी। चिकित्सकों ने अस्पताल के परिसर में एकत्रित होकर मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और सरकार से एनपीए को बहाल करने की मांग की। वहीं, 11:00 बजे तक मरीज ओपीडी के बाहर चिकित्सकों का इंतजार करते रहे। बता दें कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में चिकित्सकों ने अपनी मांग को लेकर काले बिल्ले लगाकर हड़ताल की। यह हड़ताल मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. कल्याण के नेतृत्व में की गई।डॉ. कल्याण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश में मरीजों को सबसे बेहतर उपचार सुविधाएं प्रदान कर रहा है। केरल और हिमाचल बारी-बारी से प्रथम स्थान पर आ रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों की इस मेहनत को दरकिनार कर सरकार उनके हितों से वंचित कर रही है। चिकित्सक सरकारी अस्पतालों के बजाए निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में प्रैक्टिस करेंगे। ऐसे में सरकार का निर्णय जनता पर भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल से चिकित्सकों का विरोध जारी है। पूर्व सरकार ने मांगों को लेकर एक कमेटी बनाई थी,उस कमेटी को भी खारिज किया गया है। वर्तमान में चिकित्सकों को दोबारा अपनी मांगों के लिए हड़ताल करनी पड़ रही है। वहीं, चिकित्सा अधिकारी डॉ. रीमा घई ने कहा कि चिकित्सकों को नॉन प्रैक्टिस अलाउंस दिया जाता था, ताकि सरकारी चिकित्सक खाली समय में निजी क्लिनिक या अस्पतालों में प्रैक्टिस न करें। उन्होंने कहा कि सरकार एनपीए बहाल करें। इससे आम जनता को फायदा मिलेगा। चिकित्सक अस्पताल में ही प्रैक्टिस करेंगे और मरीजों का उपचार करेंगे।

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