{महिमा गौत्तम – कुल्लू } प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं व कार्यक्रम से लोगों को विशेषकर युवाओं को आर्थिक व सामाजिक रूप से सम्बल बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं ।इन योजनाओं कार्यक्रमो के कार्यान्वयन से न केवल स्वरोजगार मिल रहा है बल्कि कुछ तो अन्य को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं।कुल्लू जिला में पशुपालन विभाग द्वारा आरम्भ की गई हिम कुक्कुट पालन योजना युवाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने मे सहायक सिद्ध हो रही है। कुल्लू जिले के गावं चनौगी गांव के मान दास पुत्र कुंज लाल के लिए तो हिम कुक्कुट पालन योजना वरदान साबित हुईं हैं। मान दास का कहना है कि कोरोना काल में उनकी प्राइवेट नौकरी छूट गई तथा वे पूरी तरह से बेरोजगार हो गए। बेरोजगारी के चलते उन्हें परिवार के भरण पोषण का डर सताने लगा।इसी दौरान उनके मन मे घर पर ही मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने का विचार आया।और उन्होंने मंडी जिले के नेरचौक कुछ चूजे खरीद कर घर के एक कमरे मे ही मुर्गी पालन का कार्य आरंभ किया।इस दौरान उन्हें प्रदेश सरकार की हिम कुक्कुट योजना का पता चला तो उन्होंने पशुपालन विभाग के कुल्लू स्थित कार्यालय में उपनिदेशक से सम्पर्क कर मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए आरम्भ की गई हिम कुक्कुट पालन योजना की की जानकारी हासिल की।मान दास का कहना है योजना की जानकारी हासिल करने के उन्होंने पशुपालन विभाग को कुक्कुट इकाई स्थापित करने का आग्रह किया।विभाग द्वारा उन्हें ब्रायलर शैड निर्माण के लिए एक लाख 44 हज़ार रुपये की राशि अनुदान के रूप मे प्रदान की गईं । इसके अलावा मुर्गियों के खाने पीने के बर्तन व अन्य सामान की खरीद पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया गया।उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रथम चरण में 1000 ब्रायलर व 20 क्विंटल आहार 60 प्रतिशत अनुदान जो लगभग 90000 रुपए बनता है दिया गया। उन्होंने बताया कि मुर्गियों के तैयार होने में 40 से 45 दिन लगते हैं। जो बाद में 2 लाख रुपए से अधिक राशि मे बिकी।इस प्रकार पहले बार मे ही उन्हें लगभग एक लाख से अधिक का फायदा हुआ।विभाग द्वारा योजना के तहत तीन चरणों मे 1000 एक हजार यानि 3000 हजार कुक्कुट व आहार 60 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किया जाता।उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति कम से कम साल भर मे यदि 6 चरणों मे 1000 ,1000 मुर्गियां भी पालते हैं तो लगभग 6 लाख का शुद्ध लाभ कमा सकते हैं।और मुर्गियों की संख्या मे बढ़ोतरी कर और अधिक लाभ कमा सकते हैं।मान दास का कहना है कि इस कार्य मे उनकी धर्मपत्नी भी सहयोग करती है। इसके साथ साथ वह युवाओं को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं।उपनिदेशक पशुपालन डॉ विशाल शर्मा का कहना है कि किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए विभाग द्वारा हिम कुक्कुट योजना आरम्भ की गईं हैं।जिसके तहत मुर्गी पालन के लिये शैड निर्माण को एक लाख 44 हजार का अनुदान के अतिरिक्त , 3000 ब्रायलर व आहार की खरीद पर 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता हैं।कोई भी किसान अन्य कार्य के साथ साथ मुर्गी पालन कर अतिरिक्त आय सृजित कर सकता है।मान दास ने मुर्गी पालन के लिये अनुदान प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। तथा कहा कि कोई भी युवा अन्य कार्य के साथ साथ मुर्गी पालन कर अतिरिक्त आय कमा सकता है।