दीपिका मल्होत्राः न्यूज प्लसः कुल्लूः हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवाचौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 04 नवंबर को है। करवाचौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और उनकी सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखती है। करवाचौथ पर सुहागिन महिलाएं करवा माता के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना पानी पीए उपवास रखती है। रात को चांद के दर्शन और पूजा के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करती है। करवाचौथ में चांद का दर्शन और पूजा का विशेष महत्व होता है। सुबह से निर्जला व्रत रखते हुए जब रात को चांद के दर्शन होते तब करवाचौथ का व्रत पूरा माना जाता है। वहीं ज़िला कुल्लू में करवाचौथ के व्रत को लेकर बाजारों में खरीदारी करती महिलाओं से अनुमान लगाया जा सकता है कि हिंदू धर्म में इस व्रत का कितना महत्व है। महिलाएं लगभग पिछले एक सप्ताह से बाज़ारों में इस उत्सव को लेकर खरीदारी करती रही है।