हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला स्थित गरली बालिका आश्रम से लापता हुई दो नाबालिग छात्राओं को शिमला पुलिस ने सुरक्षित डिटेन कर लिया है। दोनों छात्राओं को औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद कांगड़ा पुलिस के हवाले किया जा रहा है। इनमें से एक छात्रा की उम्र करीब साढ़े 17 वर्ष और दूसरी की उम्र 16 वर्ष बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, गरली बालिका आश्रम में रहने वाली लगभग 20 छात्राएं बीते मंगलवार को गरली स्कूल से पढ़ाई के बाद दोपहर लगभग तीन बजे आश्रम को वापस लौट रहीं थीं। इस दौरान आश्रम का केयरटेकर भी चल रहा था। मगर दो नाबालिग छात्राएं अचानक गायब हो गईं। इससे आश्रम प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आश्रम प्रबंधन ने इसकी सूचना तुरंत रक्कड़ पुलिस थाना को दी। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छात्राओं की तलाश शुरू की। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों छात्राएं अपनी मर्जी से भागी थीं। कंडक्टर के फोन की लोकेशन से ट्रेस स्कूल से निकलने के बाद दोनों पहले पंजाब के पठानकोट पहुंचीं। इसके बाद रात करीब 9:30 बजे पठानकोट से शिमला जाने वाली बस में सवार हो गईं। बस यात्रा के दौरान छात्राओं ने कंडक्टर के मोबाइल फोन से किसी को कॉल किया। इसी लोकेशन के आधार पर पुलिस ने इन छात्राओं को ट्रेस किया। यही कॉल पुलिस के लिए अहम सुराग साबित हुई। रक्कड़ पुलिस ने कॉल डिटेल्स और लोकेशन के आधार पर रातभर छात्राओं की मूवमेंट पर नजर रखी और आज सुबह शिमला के बालूगंज क्षेत्र में दोनों छात्राओं को पुलिस की मदद से सुरक्षित डिटेन कर लिया गया। पहले भी भाग चुकी छात्राएं पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों छात्राओं के माता-पिता नहीं हैं और इसी कारण वे गरली स्थित बालिका आश्रम में रह रही थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि ये दोनों लड़कियां पहले भी एक बार आश्रम से भाग चुकी हैं। इसे लेकर भी रक्कड़ पुलिस थाना में मामला दर्ज है। इसी वजह से पुलिस ने पहले से संदिग्ध लोगों और संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों को ट्रेसिंग पर रखा, जिससे इस बार उन्हें जल्दी ढूंढने में सफलता मिली।

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