शिमला में नगर निगम द्वारा तहबाजारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के विरोध में गुरुवार को तहबाजारी यूनियन से संबंधित सीटू ने मोर्चा खोल दिया है। सीटू के सदस्य सुबह करीब 11 बजे जॉइंट कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे और कार्यालय के भीतर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन लगभग दो घंटे तक जारी रहा। प्रदर्शनकारी निगम की कार्रवाई को तुरंत रोकने की मांग पर अड़े हुए हैं। तहबाजारियों का आरोप है कि नगर निगम गरीब तहबाजारियों को उजाड़ रहा है। उनका कहना है कि पिछले दिनों शहर के कई क्षेत्रों से स्ट्रीट वेंडर्स को हटाना अवैध है और यह स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 का खुला उल्लंघन है। कार्यालय के भीतर प्रदर्शनकारी नगर निगम के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। कार्रवाई पर रोक लगाने के मांग सीटू जिला अध्यक्ष बालक राम ने कहा कि जब तक तहबाजारियों के खिलाफ उजाड़ने की कार्रवाई बंद करने का आश्वासन नगर निगम नहीं देता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि हर रोज मेयर कार्यालय पर भी मोर्चा लगाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन बिना कोई विकल्प दिए तहबाजारियों को हटाकर उनके रोजगार पर हमला कर रहा है। इस प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम, जिला सचिव विवेक कश्यप, आईजीएमसी यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल पामटा, यूनियन अध्यक्ष दर्शन लाल और उपाध्यक्ष शब्बू आलम सहित दर्जनों तहबाजारी शामिल थे। सैकड़ों वेंडर्स को अभी सर्टिफिकेट नहीं मिले नेताओं ने बताया कि नियमों के अनुसार शिमला सहित सभी नगर निकायों में टाउन वेंडिंग कमेटी (TVC) का गठन और नियमित बैठकें अनिवार्य हैं, लेकिन शिमला में महीनों से TVC की बैठक नहीं हुई है। इससे सैकड़ों रेहड़ी-फड़ी वेंडर्स को अब तक सर्टिफिकेट नहीं मिले हैं। कई स्ट्रीट वेंडर्स को शहर के आईजीएमसी, लक्कड़ बाजार, लोअर बाजार, संजौली, समरहिल और पुराने बस स्टैंड जैसे क्षेत्रों से हटाया जा रहा है, लेकिन उन्हें कहीं और बैठने की अनुमति नहीं दी गई है। सीटू नेताओं ने तत्काल बेदखली पर रोक लगाने, पुराने तहबाजारियों का सर्वे बंद करने, नए वेंडर्स के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने और सभी पात्र वेंडर्स को सर्टिफिकेट जारी करने की मांग उठाई।

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