सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्याओं की कानूनी हैसियत पर कड़े सवाल उठाते हुए कहा कि अवैध घुसपैठियों का ‘लाल कालीन बिछाकर स्वागत’ नहीं हो सकता, जबकि देश के अपने नागरिक गरीबी से जूझ रहे हैं। अदालत ने रोहिंग्या मुद्दे को तीन हिस्सों में बांटकर विस्तृत सुनवाई का निर्णय लिया। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।