विपक्षी दलों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि राज्य सरकार के नेतृत्व को लेकर कई दिनों तक चली ‘खींचतान’ के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बीच ‘समझौता’ अस्थायी है, यह तूफान से पहले की शांति है। 

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